
बैड टेस्ट (1987)
रिलीज़ वर्ष – 1987
निर्देशक - पीटर जैक्सन
निर्माता - पीटर जैक्सन
कलाकार – पीटर जैक्सन, पीट ओ’हर्न, टेरी पॉटर, माइक मिनेट, क्रेग स्मिथ, डग रेन
बैड टेस्ट एक कम बजट वाली कल्ट फ़िल्म है। कल्ट फ़िल्म कहने से हमारा तात्पर्य ऐसी फ़िल्म से है जो समाज के कुछ विशेष प्रकार के दर्शकों के बीच बहुत लोकप्रिय होती हैं। बैड टेस्ट के साथ भी ऐसी ही कुछ बात है। इस फ़िल्म के निर्माता पीटर जैक्सन हैं, जिन्होंने ‘डेड अलाइव या ब्रेड डेड’, ‘द लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स’, ‘मीट द फ़ीबल्स’, ‘द वैली’, ‘हैवनली क्रीचर्स’, ‘फ़ॉरगॉटन सिल्वर’, ‘किंग कॉन्ग’, ‘द फ़्राइटनर्स’ और ‘द लवली बोन्स’ जैसी फ़िल्मों का निर्माण किया है, और काफ़ी कम समय में लोकप्रिय व्यक्तित्व के रूप में चर्चित हो चुके हैं। पीटर की फ़िल्मों में जो विशेष बात यह देखने को मिलती है वह है उनकी कहानी का अटपट-सा लगना। एक बार देखने पर इनकी फ़िल्में हो सकता है अतिकल्पना की उदाहरण लगें लेकिन फिर ध्यान से सोचने पर इनमें एक नशा-सा होता है जो एक विशेष प्रकार के दर्शकों को बाँधे रखता है। पीटर वैसे तो न्यूज़ीलैण्ड के हैं लेकिन उनकी फ़िल्में सभी यूपोपीय तथा उत्तर अमरीकी देशों में धूम मचा चुकी हैं। अभी आपके सामने प्रस्तुत है उनकी 1987 में आई फ़िल्म ‘बैड टेस्ट’ की कथा व समीक्षा।
कथा-संक्षेप
BREAD {बेनेफ़िशियल रिलीफ़ एंड इमरेजेंसी एड डिवीज़न} चार आदमियों को एक महत्वपूर्ण मोर्चे पर भेजती है। यह एक संस्था है जो आपात स्थितियों के दौरान हरकत में आ जाती है और अपने चुस्त, मुस्तैद, व जाँबाज़ शांति सैनिकों की सहायता से विषम स्थितियों पर क़ाबू पाती है। जिन चार सैनिकों को ब्रेड ने मोर्चे पर भेजा है उनके नाम है डेरेक (पीटर जैक्सन), ओज़ी (टेरी पॉटर), फ़्रैंक (माइक मिनेट), और बैरी (पीट ओ'हर्न)। ब्रेड ने इन चारों सैनिकों को एक महत्वपूर्ण मिशन के लिए चुना है और यह मिशन है 'काइहोरो' नामक गाँव के निवासियों की रहस्यमय गुमशुदगी का पता लगाना। इस गाँव में एकाएक कुछ हुआ जिसके कारण पूरी-की-पूरी जनसंख्या ही ग़ायब हो गई। कोई नहीं जानता कि इस प्रकार पूरी आबादी के एकाएक ग़ायब हो जाने का क्या अर्थ निकलता है। बहरहाल ब्रेड ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए ही बनाई गई एक संस्था है और इस बार उसने अपने सैनिकों यानी डेरेक, ओज़ी, फ़्रैंक और बैरी को आवश्यक सामान देकर काइहोरो के लिए रवाना कर दिया। बैरी और डेरेक तो पहले पहुँच गए लेकिन ओज़ी और फ़्रैंक अभी-भी रास्ते में हैं और आधुनिक हथियारों सहित बैरी और डेरेक की सहायता के लिए काइहोरो की सड़क पर चले जा रहे हैं।
पहले दृश्य में हम देखते हैं कि बैरी का पीछा एक अस्त-व्यस्त-सा दिखने वाला आदमी कर रहा है। उस आदमी के हाथों में एक कुल्हाड़ी है। बैरी उसे लाख समझाने की कोशिश करता है कि वह उसका पीछा करना बंद कर दे, लेकिन लगता है जैसे उस आदमी में सोचने-समझने की शक्ति है ही नहीं। अंत में जब कई बार कहने पर भी वह आदमी बैरी पर कुल्हाड़ी से वार करने की कोशिश करता है तो बैरी को मजबूरन गोली चलानी पड़ती है। गोली उस आदमी के सिर पर लगती है ऐर उसके सिर का ऊपरी भाग हवा में उड़ जाता है। ख़ून के फ़व्वारे छोड़ता वह बिना सिर का आदमी अभी-भी बैरी की तरफ़ बढ़ने की कोशिश करता है लेकिन फिर उसके पैरों पर गिर पड़ता है और उसके खुले हुए सिर से उसका दिमाग़ लद-लद करके बैरी के जूतों पर फैल जाता है। बैरी वॉकी-टॉकी के ज़रिए से डेरेक से संपर्क करने की कोशिश करता है। डेरेक वहीं कहीं पास की पहाड़ी पर किसी महत्वपूर्ण काम में लगा है। डेरेक एक आदमी को जाल में फँसाने में सफल हुआ है और उसने उस आदमी के एक पैर से रस्सी बाँधकर उसे पहाड़ की चोटी से उल्टा लटका दिया है। डेरेक उस आदमी से कुछ सवालों के जवाब जानने को उत्सुक है। उस आदमी का नाम रॉबर्ट है। जब डेरेक के कई बार कहने पर भी वह आदमी सच्चाई बताने को तैयार नहीं होता तो डेरेक उससे सच उगलवाने का एक क्रूर तरीक़ा अपनाता है। वह उस आदमी के बाएँ पैर के जूते के तले में एक ख़ंजर रखता है और उस पर हथौड़े से ज़ोर-ज़ोर से चोट करने लगता है। नतीजतन ख़ंजर रॉबर्ट के पैरों में पैवस्त होता चला जाता है और वह ख़तरनाक ढंग से चिल्लाने लगता है। डेरेक को आभास नहीं है कि वह आदमी उसके लिए मुसीबत खड़ी करने वाला है।
उधर बैरी भी बहुत-से विक्षिप्त हत्यारों से बचता-बचाता फिर रहा है। देखकर लगता है कि वे सभी विक्षिप्त हत्यारे असल में उस आदमी के साथी हैं जिसका सिर बैरी ने अपनी जान बचाने के लिए गोली से उड़ा दिया था। असल में ये सभी एक ही पलटन के सदस्य हैं जिनके कारण काइहोरो की पूरी आबादी ख़त्म हो गई। बैरी बचते-बचाते एक झोपड़ी में घुस जाता है लेकिन जैसे ही उन विक्षिप्त हत्यारों को इसकी भनक लगती है वे झोपड़ी का दरवाज़ा तोड़ने में लग जाते हैं। इसी बीच उन सभी को रॉबर्ट की दर्दनाक चीख़ें सुनाई पड़ती हैं और वे बैरी को वहीं छोड़कर हथौड़े, कुल्हाड़ी जैसे हथियार उठाकर उस दिशा में भाग जाते हैं जहाँ से रॉबर्ट की चीख़ें आती रहती हैं। जी हाँ दोस्तों, हमने कहा था न कि डेरेक रॉबर्ट को यंत्रणा देकर अपने लिए मुसीबत खड़ी कर रहा था। बहरहाल बैरी झोपड़ी से बाहर निकलकर डेरेक को वॉकी-टॉकी पर उन हत्यारों के विषय में बताता है। डेरेक बैरी की बातों पर विशेष ध्यान नहीं देता और उसे कहता है कि उसके पास सुरक्षा का पर्याप्त इंतज़ाम है। बैरी बहुत चाहता है कि डेरेक उसकी बातों को गंभीरता से ले लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है। विक्षिप्त हत्यारे एक-एक करके डेरेक के पास आते जाते हैं। डेरेक अपनी बंदूक से बहुतों को छलनी कर देता है लेकिन एक समय ऐसा भी आता है जब डेरेक का पैर फिसल जाता है और वह पहाड़ी से नीचे गिरने लगता है कि तभी उसके फिसलते हाथों में कुछ पौधे आ जाते हैं जिनके सहारे वह लटककर हत्यारों का मुक़ाबला करने लगता है। नीचे हहराता समुद्र, वीरान तट, और पहाड़ी चट्टानें हैं, अगर डेरेक नीचे गिरा तो उसकी मौत तय है। डेरेक साहस के साथ अब भी हत्यारों का सामना कर रहा है कि तभी उसकी नज़र टूटी हुई रस्सी पर पड़ती है। इसका मतलब है कि रॉबर्ट किसी तरह उस फंदे से निकल भागा। डेरेक किसी तरह उन हत्यारों को मौत के घाट उतारकर अपनी जान छुड़ाता है और रॉबर्ट के विषय में ही सोचने लगता है कि तभी रॉबर्ट बग़ल की झाड़ियों से एकाएक निकलकर उसके सामने आ जाता है और उसे ज़ोर से लात मारता है। डेरेक अब संभलने की स्थिति में नहीं है, वह अपना संतुलन खो बैठता है और नतीजतन सैकड़ों फ़ुट नीचे समुद्र तट की चट्टानों पर गिर पड़ता है। रक्त का एक फ़व्वारा छूटता है और लगता है कि डेरेक मर चुका है। बैरी डेरेक की तलाश में पहाड़ी पर आता है लेकिन रॉबर्ट लंगड़ाता हुआ उसकी ओर ही दौड़ता है। बैरी अपनी आत्मरक्षा में गोली चलाता है लेकिन रॉबर्ट बैरी के ऊपर से कूद कर उस पार चला जाता है। इस समय शायद रॉबर्ट को बैरी से मुक़ाबला करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी।
इस बीच जाइल्स नाम का चैरिटी कलेक्टर अपनी पुरानी सन् 70 मॉडल की कार में काइहोरो पहुँचता है। जाइल्स (क्रेग स्मिथ) एक सीधा-सादा आम आदमी है जो सहायता राशि जमा करने काइहोरो आया हुआ है। वह इधर-उधर देखता है लेकिन उसे गाँव में कोई भी आदमी नज़र नहीं आता। वह सड़क पर यूँ ही किसी की तलाश में घूमने लगता है। चलते-चलते उसके पैरों तले कोई चीज़ कुचल जाती है। जब जाइल्स नीचे देखता है तो पाता है कि वह तो इंसान के पेट के अंदर का कोई अंग है। वह घबरा जाता है और सावधानी से इधर-उधर देखने लगता है। फिर उसे रॉबर्ट नज़र आता है जो एक गड्ढे में बैठकर बैरी द्वारा मारे गए हत्यारे की खोपड़ी से, उसका दिमाग़ चम्मच से निकालकर खाता रहता है। जाइल्स यह दृश्य देखकर स्तब्ध रह जाता है। उसने ऐसा हौलनाक दृश्य अपने जीवन में पहले कभी नहीं देखा था। रॉबर्ट जाइल्स को देख लेता है और अपना खाना छोड़कर जाइल्स के पीछे पड़ जाता है। जाइल्स आगे-आगे, और रॉबर्ट पीछे-पीछे। रॉबर्ट के हाथों में एक ख़ंजर है और जाइल्स को तो जैसे साँप सूँघ गया है, वह बदहवास–सा अपनी कार की ओर भागता है। वह रॉबर्ट से सिर्फ़ इसलिए बच पाता है क्योंकि रॉबर्ट का पैर घायल है। डेरेक ने उसका बाँया पैर अस्थायी रूप से बेकार कर दिया था। जाइल्स जैसे-तैसे अपनी कार तक पहुँचता है लेकिन उसकी कार चालू नहीं होती। रॉबर्ट लंगड़ाता हुआ उसके निकट आता जा रहा है आख़िर में क़िस्मत जाइल्स का साथ देती है और कार चालू हो जाती है। जाइल्स जैसे चैन की साँस लेता है और कार आगे बढ़ाता है। रॉबर्ट झपटकर अपना ख़ंजर वाला हाथ कार की खिड़की के भीतर घुसा देता है लेकिन जाइल्स खिड़की का शीशा ऊपर चढ़ाता जाता है और रॉबर्ट का हाथ फँस जाता है। दर्द से छटपटाते रॉबर्ट की अपने ख़ंजर पर पकड़ ढीली हो जाती है और ख़ंजर अंदर जाइल्स की गोद में गिर जाता है। हाथ फँसा होने के कारण रॉबर्ट कुछ दूर कार के साथ-साथ मजबूरन दौड़ने लगता है लेकिन थोड़ी देर बाद उसका हाथ आज़ाद हो जाता है और वह पीछे छूट जाता है। आगे जाकर गाँव की बस्ती में जाइल्स अपनी कार रोकता है और सहायता के लिए ठिकाना खोजने लगता है। एक घर के दरवाज़े पर दस्तक देने पर उसमें से एक रॉबर्ट जैसा दिखने वाला रसोइया बाहर निकलता है। इससे पहले कि जाइल्स कुछ समझ पाता रसोइया उसके सर पर प्रहार करता है और जाइल्स के बेहोश होते ही उसे घर के अंदर खींच लेता है।
दूर खड़ा बैरी दूरबीन से सब कुछ देख रहा होता है। वह रसोइये को जाइल्स को घर के भीतर खींचते हुए देख लेता है और रेडियो पर ओज़ी और फ़्रैंक को संदेश देता है। वह उन्हें बताता है कि डेरेक का कोई पता नहीं और वह शायद पहाड़ी से नीचे गिरकर मर गया। वह उन्हें बताता है कि गाँव किसी बूचड़ख़ाने की तरह दिखता है, जहाँ देखो वहाँ ख़ून ही ख़ून नज़र आता है। यह सुनकर ओज़ी और फ़्रैंक को जोश आ जाता है और वे जल्दी आने को कहकर अपनी कार की गति बढ़ा देते हैं। कोई और उनका खेल बिगाड़ने बीच में न आ जाए इसका ओज़ी और फ़्रैंक एक उपाय करते हैं। वे उस रास्ते को बंद कर देते हैं और वहाँ 'न्यूक्लियर कचरा व अपशिष्ट’ या ‘रेडियोधर्मी अपशिष्ट’ का तख़्ता लगा देते हैं। पीटर जैक्सन ने बड़ी ख़ूबी से यह व्यंग्य दिखाया है क्योंकि न्यूज़ीलैण्ड के बारे में जानकारी रखने वालों को संभवतः पता होगा कि न्यूज़ीलैण्ड एक पूर्णतः न्यूलीयर फ़्री देश है, अर्थात् वहाँ किसी भी प्रकार के काम में परमाणु उर्जा का उपयोग नहीं किया जाता। और न्यूज़ीलैण्ड सरकार देश की 70% उर्जा का उत्पादन भूगर्भ उर्जा या हाइड्रो पावर के माध्यम से करती है। परमाणु उर्जा के उपयोग पर इतनी पाबंदी है कि न्यूज़ीलैण्ड उन जहाज़ों को भी अपने बंदरगाह पर आने नहीं देता जिनमें परमाण्विक पदार्थ भरे होते हैं। ख़ैर बात हो रही थी ओज़ी और फ़्रैंक की, वे बैरी तक पहुँचते हैं और वे सभी जानते हैं कि उन्हें क्या करना है। बैरी उन्हें जाइल्स के बारे में फिर बताता है और वे उन हत्यारों पर रात को हमला करने के निर्णय पर एकमत होते हैं।
होश में आने पर जाइल्स अपने आपको पानी के ड्रम के भीतर बंधा हुआ पाता है। ड्रम के पानी में उसे टमाटर, नींबू, और विभिन्न मसाले दिखाई पड़ते हैं। उसका मुँह एक बड़े संतरे जैसे फल से बंद कर दिया गया है और वह चिल्ला नहीं सकता। उसके पास वह रसोइया आता है, फिर रॉबर्ट और अंत में उनका नेता लॉर्ड क्रम्ब आता है। लॉर्ड क्रम्ब एक क्रूर-सा दिखने वाला गंजा आदमी है जिसके इशारे पर ही सब कुछ हो रहा है। लॉर्ड क्रम्ब जाइल्स के पास आकर उसे कहता है कि उसे मसाले वाले पानी में इसलिए डुबा कर रखा गया है ताकि उसका स्वाद और बढ़ जाए। लॉर्ड क्रम्ब बताता है कि जाइल्स उनका सुबह का भोजन है। जाइल्स के होश उड़ जाते हैं और वह डर से थर-थर काँपने लगता है। जाइल्स को कमरे में बंद करके लॉर्ड क्रम्ब, रसोइया और रॉबर्ट तीनों चले जाते हैं।
उधर डेरेक को कुछ होश आ रहा है। उठते ही वह पाता है कि वह अब तक सी-गल (एक प्रकार की समुद्री चिड़िया) के घोंसले पर गिरा पड़ा था। उसका सर चकराता रहता है और वह स्वयं को बड़ा कमज़ोर महसूस करता है। जब वह किसी तरह उठता है तो उसे पता चलता है कि गहरी चोट के कारण उसकी खोपड़ी का पिछला हिस्सा बुरी तरह खुल गया है और उसमें से उसका दिमाग़ बाहर टपक रहा है। डेरेक किसी तरह ख़ुद को संभालता है और अपने हाथों से अपनी खोपड़ी के पिछले हिस्से को दबाकर जैसे-तैसे घिसटते-सरकते अपनी कार के पास पहुँचता है। वह कार उसने झाड़ियों में छुपाकर रखी थी, और शायद तब लेकर आया था जब वह मिशन पर बैरी के साथ काइहोरो आया था। कार का दरवाज़ा खोलकर डेरेक एक हैट निकालता है और उसे अपने सर पर लगाता है ताकि उसकी खोपड़ी का पिछला हिस्सा हैट की मज़बूत पकड़ में कसा रहे और उसका दिमाग़ बाहर न टपकने पाए। लेकिन डेरेक के लिए इतना इंतज़ाम ही काफ़ी नहीं है, बहुत ख़ून बह जाने से उसे कमज़ोरी आ रही है और वह कार के पास धड़ाम् से गिर कर फिर बेहोश हो जाता है।
शाम को बैरी, ओज़ी और फ़्रैंक अपनी-अपनी कमान संभालते हैं और मोर्चे पर निकल जाते हैं। असल में जिस घर के अंदर जाइल्स को ले जाया गया था वही घर इन हत्यारों का ठिकाना है। रात होते ही वे घर के अंदर दाख़िल हो जाते हैं। वे पाते हैं कि सभी हत्यारों की सभा हो रही है और लॉर्ड क्रम्ब बड़े जोश-ओ-ख़रोश के साथ उन सभी हत्यारों को उनकी सफलता पर मुबारकबाद दे रहा है। लॉर्ड क्रम्ब किसी फ़ास्ट फ़ूड के बारे में बात करता रहता है। फ़्रैंक, ओज़ी और बैरी को समझ में आ जाता है कि लॉर्ड क्रम्ब और उसका दल असल में परग्रही हैं, और वे दूसरे ग्रह से पृथ्वी पर केवल इसलिए आए थे क्योंकि वे मानवों का इस्तेमाल फ़ास्ट फ़ूड के रूप में करके अपने ग्रह में अपना व्यवसाय बढ़ाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने गाँव के सभी लोगों को मारकर, उनके अंग काट-काटकर बक्सों में भर दिए थे। इसको वे 'कच्चा माल' मानते थे जिसके माध्यम से वे फ़ास्ट-फ़ूड के जगत में नए-नए प्रयोग कर सकते थे। यह सुनते ही बैरी, ओज़ी और फ़्रैंक के कान खड़े हो जाते हैं, और वे भागकर उस कमरे–के भीतर जाते हैं जिसका ज़िक्र लॉर्ड क्रम्ब सभा में कर रहा था। उस कमरे के अंदर का दृश्य बूचड़ख़ाने से भी बदतर था। यहाँ-वहाँ इतना ख़ून फैला हुआ था कि उनके पाँव फिसलते जा रहे थे। उस कमरे में रखे बक्सों को देखकर वे काइहोरो के वासियों की गुमशुदगी का रहस्य समझ जाते हैं। इतने में एक हत्यारा परग्रही एक काँच का कटोरा लेकर कमरे के भीतर दाख़िल होता है। बैरी, ओज़ी और फ़्रैंक उस पर टूट पड़ते हैं। बैरी उस आदमी के पाँव दबा देता है और ओज़ी उसका सर खींचकर उखाड़ देता है, और इस तरह उखाड़ता है कि उस परग्रही के सिर समेत उसकी रीढ़ की हड्डी भी बाहर आ जाती है। ख़ैर वह परग्रही तो मर जाता है लेकिन फ़्रैंक उसकी शर्ट पहन लेता है और उसका कटोरा हाथ में लेकर हत्यारों की सभा में पहुँच जाता है। ओज़ी दीवार की ओट से फ़्रैंक और उसकी गतिविधियों को देखता रहता है।
सभा समाप्त होने पर लॉर्ड क्रम्ब रॉबर्ट को आवाज़ देता है और वहाँ मौजूद चार लोग रॉबर्ट को उसके हाथों व पैरों से उठा लेते हैं। उसे उठाकर वे फ़्रैंक के पास लाते हैं। फ़्रैंक के हाथ में काँच का कटोरा है। वे चारों रॉब्रट का मुँह फ़्रैंक के हाथों में रखे कटोरे से लगाते हैं और रॉबर्ट उस कटोरे में उल्टी करने लगता है। वह इतनी उल्टी करता है फ़्रैंक के हाथों में रखा कटोरा पूरा भर जाता है। उस उल्टी का रंग हल्का हरा है, ठीक वैसा ही जैसा पिस्ता आइसक्रीम का होता है। उसके बाद वे चारों वह कटोरा लॉर्ड क्रम्ब को थमाते हैं। फ़्रैंक देखता है कि लॉर्ड क्रम्ब उस कटोरे के द्रव को सूँघता है और फिर चटख़ारे लेकर गटागट पीने लगता है। फिर बारी-बारी से वह कटोरा वहाँ मौजूद सभी लोगों के बीच घुमाया जाता है और अपनी बारी आने पर हर परग्रही उसमें से थोड़ा-थोड़ा द्रव पीकर उस कटोरे को अगले परग्रही को सौंप देता था। अंत में वह कटोरा फ़्रैंक तक पहुँच जाता है। चूँकि फ़्रैंक ने उस आदमी की शर्ट पहन रखी थी जो इन हत्यारों का साथी था इसलिए उसे अभी तक वहाँ मौजूद सभी लोग अपने ही दल का सदस्य समझते रहते हैं। मरता क्या न करता, यही हालत फ़्रैंक की भी थी, और वह उन्हीं के दल का सदस्य है यह साबित करने के लिए उसके पास इससे बेहतर कोई विकल्प नहीं था कि वह चुपचाप बिना मुँह बनाए उस कटोरे को अपने मुँह से लगा ले। फ़्रैंक यही करता है, और कटोरे को मुँह से लगाते समय उसका मुँह घृणा से विकृत हो जाता है, लेकिन जैसे ही उस द्रव का स्वाद उसके मुँह में जाता है, उसे अंदाज़ा होता है कि यह तो बेहद स्वादिष्ट है। वह उसे और पीना चाहता है लेकिन इससे पहले ही अन्य लोग वह कटोरा उसके हाथों से ले लेते हैं। वापस आकर फ़्रैंक ओज़ी और बैरी को परग्रहियों की योजना से अवगत कराता है। ओज़ी उससे पूछता है कि क्या उसने सचमुच उल्टी का स्वाद चखा, जवाब में फ़ैंक ऐसा मुँह बनाता है जैसे यह सब करना उसकी मजबूरी थी। तीनों अपनी योजना पर दोबारा सोचना शुरु करते हैं और रात होते ही अपनी योजना को रूप देने पर एकमत होते हैं।
रात होते ही बहुत से परग्रही सो जाते हैं, और बैरी, ओज़ी तथा फ़्रैंक जाइल्स को छुड़ाने किचन में चले जाते हैं। जाइल्स उन्हें देखकर ख़ुश हो जाता है। वे तुरंत जाइल्स को क़ैद से मुक्त कराते हैं और उसे अपने साथ रहने का निर्देश देते हैं। इसके बाद वे घर के अंदर तथा बाहर कुछ परग्रहियों का सफ़ाया करते हैं। सुबह की पहली किरण के साथ परग्रहियों और हमारे तीन जाँबाज़ों के बीच भयंकर गोलीबारी शुरु हो जाती है। इधर डेरेक दोबारा होश में आ चुका है और वह बदला लेने की ग़रज़ से परग्रहियों के घर तक पहुँच चुका है। इधर बैरी, ओज़ी और फ़्रैंक तथा परग्रहियों के बीच भयानक युद्ध चल रहा है और जान बचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। रणकौशल का खुलकर तथा कदम-कदम पर इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी बीच कुछ गोलियाँ लक्ष्य से भटक कर घर के बाहर घूम रहे डेरेक के हैट पर लगती हैं और उसका हैट नीचे गिर जाता है। हैट के गिरते ही डेरेक अपने सर के पिछले हिस्से में भयंकर दर्द का अनुभव करता है। वह ज़मीन पर गिर जाता है और पीड़ा से छटपटाने लगता है। डेरेक समझ जाता है कि वह इस दर्द को ज़्यादा देर तक झेल नहीं सकेगा इसलिए वह अपना बेल्ट निकालता है और अपने सिर के इर्द-गिर्द बाँध लेता है ताकि उसके सिर का फट चुका हिस्सा अपने स्थान पर टिका रहे। डेरेक अपनी अजीब-सी दिखनेवाली कार चलाने लगता है और रास्ते में आने वाले एक परग्रही को इतनी ज़ोर से टक्कर मारता है कि उसके दो टुकड़े हो जाते हैं। फिर वह कार की डिक्की से एक चेन-सॉ (यांत्रिक आरी) निकालता है और उसे अपने हथियार के रूप में आज़ामाने की ठानता है। चेन-सॉ लेकर वह परग्रहियों के घर पर हमला करने की नीयत से चल पड़ता है।
इधर लॉर्ड क्रम्ब हरकत में आ चुका है तथा घर के लॉन की कुछ झाड़ियों के पीछे छिपकर फ़्रैंक और ओज़ी पर गोली चलाने की ताक में है। उसे जल्द ही मौक़ा मिल जाता है लेकिन जब वह फ़्रैंक की तरफ़ अपनी पिस्तौल तानकर उसका ट्रिगर दबाता है, तो किसी नुक़्स के कारण पिस्तौल से गोली ही नहीं निकलती। चिढ़कर वह झाड़ियों के पीछे फिर से दुबक जाता है लेकिन फ़्रैंक उसे दुबकते देख लेता है और झाड़ियों पर गोलियाँ बरसाने लगता है। लॉर्ड क्रम्ब का चेहरा ग़ुस्से से विकृत हो जाता है और वह अपना मानवीय रूप छोड़कर अपने असली रूप में आ जाता है। उसका असली रूप बड़ा अजीब है, बेहद बड़ा सर, खोखली आँखें, चिम्पान्ज़ी जैसा मुँह, नुकीले दाँत, कूबड़ वाली पीठ, लंबे नाख़ून, और कूबड़ वाला नितंब। लॉर्ड क्रम्ब के असली रूप में आते ही उसके दल के सभी हत्यारे अपने असली रूप में आ जाते हैं। रॉबर्ट बीच में आकर लॉर्ड क्रम्ब की सहायता करने की कोशिश करता है लेकिन फ़्रैंक उसे ख़ंजर फेंककर मारता है जो सीधा उसके गले को छेदता हुआ पीछे धँस जाता है। लॉर्ड क्रम्ब के लोग कीड़ों की तरह मरते जा रहे हैं लेकिन लॉर्ड क्रम्ब पर तो जैसे ख़ून सवार है। वह अपने संसाधनों के तेज़ी से ख़त्म होने पर भी रुकने की इच्छा नहीं रखता। लॉर्ड क्रम्ब को उसके कुछ बचे-खुचे लोगों के साथ छोड़कर फ़्रैंक, बैरी, ओज़ी और जाइल्स बाहर भाग जाते हैं। बाहर फ़्रैंक की कार खड़ी रहती है, उसमें सवार होकर वे सब भागने लगते हैं। लॉर्ड क्रम्ब के लिए अपने दुश्मनों को भागने देना शायद शर्म की बात होती इसलिए वह अपने तीन साथियों को उनके पीछे भेजता है। एक को तो ये तीन जाँबाज़ रास्ते में ही मार गिराते हैं, लेकिन एक परग्रही की गोली उनकी कार के इंजन में लगती है और कार से बेहिसाब धुआँ निकलने लगता है। कार आख़िर में बेकार हो जाती है। चारों आदमी कार से निकलकर झाड़ियों के पीछे जा छिपते हैं। ओज़ी को कुछ याद आता है और वह कार की तरफ़ फिर से चला जाता है। डिक्की खोलकर वह एक डब्बा निकालता है जिसमें कुछ रॉकेट और एक लॉन्चर है। इस बीच उनके पीछे लगे दो परग्रही कार के पास पहुँच जाते हैं, ओज़ी उनकी नज़रों से साफ़ बच निकलता है और झाड़ियों के पीछे छिपे अपने दोस्तों से जा मिलता है। परग्रही कार के अंदर बैठकर उसकी प्रणाली का मुआयना करने लगते हैं। उनका ध्यान भटका हुआ देखकर ओज़ी कार पर एक रॉकेट दाग़ता है। रॉकेट कार तथा उसमें बैठे दो परग्रहियों के परखच्चे उड़ा देता है। फ़्रैंक चिढ़ जाता है क्योंकि ओज़ी ने उसकी कार बरबाद कर दी। ओज़ी को इस हमले से काफ़ी जोश आता है और वह परग्रहियों के घर पर रॉकेट से हमला करने को बेताब हो जाता है। वह रॉकेट और लॉन्चर लेकर फिर से परग्रहियों के घर की ओर चल पड़ता है। फ़्रैंक भी उसकी सहायता के लिए उसके साथ चल पड़ता है। ओज़ी घर का निशाना लेकर फिर से रॉकेट दाग़ता है जिससे घर का एक हिस्सा उड़ जाता है। इस हमले से लॉर्ड क्रम्ब और उसके बचे-खुचे साथियों का ग़ुस्सा और भड़क जाता है और एक बार फिर से भयंकर युद्ध शुरु हो जाता है।
इस बीच डेरेक लड़खड़ाते हुए परग्रहियों के घर तक पहुँच जाता है। उसके हाथों में चेन-सॉ लहरा रहा है और उसके सामने जो भी आएगा वह मारा जाएगा। क्रोध के मारे वह पागल हो रहा है। उसे परग्रहियों से हिसाब चुकता करना है। ग़ुस्से से पागल डेरेक अपने सामने आनेवाले पहले परग्रही के टुकड़े-टुकड़े कर देता है। फिर वह उस परग्रही का सिर फ़ोड़कर उसमें से दिमाग़ का कुछ हिस्सा निकाल लेता है और अपने सिर के अंदर डाल देता है। इस तरह उसने अपने दिमाग़ के बरबाद हो चुके हिस्से की भरपाई कर ली। डेरेक का ग़ुस्सा अभी-भी शांत नहीं हुआ है और वह घर में मौजूद अन्य परग्रहियों की तलाश में लग जाता है। इस बीच फ़्रैंक और ओज़ी घर में दाख़िल हो चुके हैं लेकिन एक परग्रही ने उन्हें परेशान कर रखा है। वह उन्हें बंदूक की नोक पर अपने अधीन करना चाहता है। वह परग्रही फ़्रैंक और ओज़ी को बस गोली मारने ही वाला रहता है कि तभी पीछे से डेरेक प्रकट होता है और उस परग्रही को अपने चेन-सॉ से बीच से फाड़ डालता है। परग्रही के शरीर के दो हिस्से हो जाते हैं और उसका क्षत-विक्षत शव इधर-उधर गिर जाता है। डेरेक को ज़िंदा देखकर फ़्रैंक और ओज़ी ख़ुश हो जाते हैं लेकिन हैरत में पड़ जाते हैं। डेरेक जैसे उनके संबोधन को सुनता ही नहीं और फिर से दूसरे परग्रहियों की तलाश में लग जाता है। फ़्रैंक और ओज़ी घर से बाहर भागते हैं लेकिन इसी बीच लॉर्ड क्रम्ब ओज़ी के पैरों का निशाना लेकर गोली चलाता है और गोली ओज़ी को पैर में धँस जाती है। वह नीचे गिर पड़ता है तो लॉर्ड क्रम्ब उसके पैरों पर और एक-दो गोलियाँ चला देता है। ओज़ी दर्द से तड़प उठता है। ओज़ी की हालत देखकर फ़्रैंक ग़ुस्से से आगबबूला हो उठता है और लॉन्चर से एक रॉकेट लॉर्ड क्रम्ब की ओर दाग़ता है लेकिन रॉकेट के निशाना चूक जाता है और वह लॉर्ड क्रम्ब के बग़ल से होकर गुज़र जाता है और पीछे एक खुली खिड़की से बाहर निकलकर एक भेड़ से जा टकराता है। भेड़ के चीथड़े उड़ जाते हैं। फ़्रैंक ओज़ी की सहायता करने में लग जाता है और उसे उसके पाँव पर खड़ा करने की कोशिश करने लगता है।
इधर डेरेक देख चुका है कि लॉर्ड क्रम्ब ज़िंदा है। वह उसे मार डालने की नीयत से उसके सामने आ खड़ा होता है लेकिन लॉर्ड क्रम्ब उसे ज़ोर से धक्का देकर नीचे गिरा देता है और डेरेक नीचे गिरकर बेहोश हो जाता है। लॉर्ड क्रम्ब समझ जाता है कि उसकी योजना विफल हो चुकी है और उसकी सेना का सफ़ाया हो चुका है इसलिए वह वहाँ से निकल भागने में ही अपनी भलाई समझता है। लॉर्ड क्रम्ब एक विशेष कमरे में दाख़िल होता है और वहाँ डैशबोर्ड पर लगे कुछ बटन दबाता है। एकाएक सारा दृश्य ही बदल जाता है। वह पूरा घर अपने आसपास की सभी चीज़ों को अपने अंदर समेटने लगता है। पेड़, पौधे, लॉन, झाड़ियाँ सबकुछ। ओज़ी लॉन में ही पड़ा रहता है और वह भी घर के अंदर खिंचने लगता है। फ़्रैंक दौड़कर उसे बचाता है और फिर वे दोनों एक बहुत मोटे पेड़ की एक डाली पकड़कर खिंच जाने से अपने को बचाते हैं। वह पूरा घर असल में एक यान है जिसमें बैठकर लॉर्ड क्रम्ब और उसके साथी अपने ग्रह से पृथ्वी पर आए थे। अब वह उस यान से वापस लौटने वाला है। वह यान धीरे-से ऊपर उठता है और फिर अंतरिक्ष की गहराइयों में विलीन हो जाता है। फ़्रैंक और ओज़ी को ये ख़ुशी तो अवश्य है कि वे अपने मिशन में सफल हुए लेकिन साथ ही उन्हें लॉर्ड क्रम्ब के ज़िंदा बचने और डेरेक के उस यान में रह जाने का अफ़सोस भी है। वे दोनों बैरी और जाइल्स के पास जाने को तैयार हो जाते हैं।
इधर डेरेक यान के भीतर ही रह गया है। उसे होश आता है और वह खिड़की से बाहर झाँकता है। बाहर का दृश्य देखकर उसका गु़स्सा चरमसीमा पर पहुँच जाता है। बाहर उसे अंधेरा अंतरिक्ष और पृथ्वी दिखाई देते है। वह समझ जाता है कि वह एक यान में है और पृथ्वी से कई हज़ार किलोमीटर की दूरी पर है। अब वह लॉर्ड क्रम्ब से प्रतिशोध लेने पर उतारू हो जाता है। लॉर्ड क्रम्ब अपने ग्रहवासियों से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है लेकिन लगता है कि सिग्नल आ-जा रहा है। डेरेक लॉर्ड क्रम्ब की सीट के ठीक ऊपर प्रकट होता है और छत काटकर उसपर चेन-सॉ लिए कूद पड़ता है। चेन-सॉ से लॉर्ड क्रम्ब के सिर को फ़ाड़ते हुए वह लॉर्ड क्रम्ब के शरीर के भीतर घुस जाता है और उसके पूरे शरीर को फाड़ते हुए दूसरे सिरे से बाहर निकल आता है। बाहर निकलते ही उसपर लॉर्ड क्रम्ब का पूरा ख़ून, अंतड़ियाँ, और आंतरिक हिस्से गिर जाते हैं। वह खू़न, अंतड़ियों आदि में लिपटा हुआ कहता है "आज मेरा दोबारा जन्म हुआ है", फिर वह पागलों की तरह हँसने लगता है। वह लॉर्ड क्रम्ब का फटा हुआ सर लेकर अपने सर पर पहन लेता है और उसकी कमान संभाल लेता है। वह लॉर्ड क्रम्ब के ग्रहवासियों से संपर्क करता है और उन्हें अपने आने की सूचना देता है। फिर गहरे काले अंतरिक्ष में डेरेक की भयानक हँसी गूँजती है। साफ़ है कि डेरेक का प्रतिशोध पूरा नहीं हुआ है और वह लॉर्ड क्रम्ब के पूरे ग्रह को ही तबाह कर डालने की योजना पर काम करने वाला है।
इधर फ़्रैंक, ओज़ी, बैरी और जाइल्स उस भयानक जगह से सुरक्षित निकल जाने में सफल होते हैं। फ़िल्म के अंतिम दृश्य में इन चारों को कार में सवार होकर वहाँ से दूर जाते दिखाया गया है। सूरज डूब रहा है और इसी के साथ ज़िंदगी की नई सुबह होने वाली है।
समीक्षा
यह फ़िल्म उन लोगों के लिए नहीं बनी है जिन्हें ख़ून, हिंसा, और क्षत-विक्षत शरीर देखने की आदत नहीं है। यह उन लोगों के लिए बनी है जो पर्दे पर हिंसा, ख़ून-ख़राबा और लाशें देखने के शौकीन हैं। वैसे देखा जाए तो पीटर जैक्सन ने बहुत ही कम बजट में यह फ़िल्म बनाई थी लेकिन उतने कम बजट का इतना अच्छा सदुपयोग पीटर जैक्सन जैसे कुशल निर्देशक ही कर सकते हैं। टॉम साविनी ने अपने स्पेशल इफ़ेक्ट्स का जादू सर्वत्र बिखेरा है। इस फ़िल्म पर अति हिंसा और ख़ून-ख़राबे के कारण ऑस्ट्रेलिया में पांबदी लगाई गई थी, लेकिन इसके चाहने वाले इतने ज़्यादा थे कि उस फ़िल्म को अंत में सभी के लिए रिलीज़ करना पड़ा। पीटर जैक्सन ने रॉबर्ट तथा डेरेक की भूमिका बख़ूबी निभाई है। दोनों ही भूमिकाएँ इतनी सशक्त हैं कि लगता ही नहीं है कि यह सबकुछ एक फ़िल्म का हिस्सा है। इस फ़िल्म को बनाने में चार साल लगे और इन चार वर्षों के दौरान इसकी पूरी शूटिंग सप्ताहांत में की गई। पीटर का हाथ इतना तंग था कि उन्होंने अपने बहुत-से दोस्तों को इस फ़िल्म में प्रमुख भूमिकाएँ दीं। फ़िल्म के रिलीज़ होने पर उन्हें लागत से कई गुना अधिक फ़ायदा मिला। कॉन्स फ़िल्म महोत्सव में प्रदर्शित होने के बाद इस फ़िल्म का अंतर्राष्ट्रीय वितरण किया गया। पीटर ने अपनी माँ जोन जैक्सन से अनुरोध किया था कि वे अपने अवन में परग्रहियों का मास्क बेक कर दें और जोन ने अपने बेटे के लिए यह छोटा-सा काम कर दिया। इस फ़िल्म में एक प्रकार का नशा है जो लोगों को हैरत में डालने वाले दृश्य दिखाता है। लोग इसी उत्सुकता में अपनी सीट पर जमे रहते हैं कि अब और क्या भयानक दृश्य देखने को मिलेगा। कुछ मनुष्यों की ज़िद का कोई अंत नहीं होता, और ख़ासतौर तब जबकि आदमी संकट की में स्थिति हो। इस फ़िल्म में अपने जीवन को बचाए रखने के लिए संघर्षरत जाँबाज़ों को देखकर लगता है कि जीवन केवल सरलता से समय बिताने का नाम नहीं है। ऐसी स्थितियाँ भी आती हैं जब हमें जान बचाने के लिए जान को ही दाँव पर लगाने का जोखिम उठाना पड़ता है। ऐसे समय में आदमी कितना भी कोमल हृदय का क्यों न हो, स्थिति की प्रतिकूलता उसे निडर और प्रलयकारी बना देती है। वह अपने सामर्थ्य से बाहर के काम भी कर लेने को आतुर हो जाता है। उस समय कोई भी अवरोध उसका रास्ता नहीं रोक सकता। ऐसी स्थितियों में डटकर मुक़ाबला किया जाता है, और छिपने-छिपाने का खेल छोड़कर खुलकर मैदान में लोहा लिया जाता है। मनुष्य चाहे कितना भी डरपोक क्यों न हो, वह आसानी से अपना स्थान किसी दूसरे को लेने नहीं देता। फ़िल्म में भी दिखाए गए परग्रही पूरी मानव जाति के लिए ख़तरा पैदा कर सकते थे। यदि उनकी मानव-माँस को फ़ास्ट फ़ूड में तब्दील करने की योजना सफल हो जाती तो हमारी पृथ्वी एक बड़ा बूचड़खाना बन जाती, जहाँ ख़ून तो दिखाई देता लेकिन क़ब्रें नहीं, क्योंकि क़ब्र में डाले जाने वाले मुर्दे तो पहले ही किसी फ़ास्ट फ़ूड में बदल गए होते।
श्री सियारामशरण गुप्त ने अपनी लघुकथा ‘बैल की बिक्री’ में लिखा है ‘भय और साहस संक्रामक वस्तुएँ होती हैं’, यह बात इस फ़िल्म पर पूरी तरह से लागू होती है। जिस प्रकार चारों जाँबाज़ बैरी, डेरेक, ओज़ी और फ़्रैंक अपना जीवन बचाए रखने के लिए एक-दूसरे का उदाहरण लेकर आपस में साहस का संचार करते हैं वह वाकई किसी विषम स्थिति में फँसे समूह के लिए सीखने जैसा है। दूसरी ओर लॉर्ड क्रम्ब को अपने हत्यारे साथियों पर बहुत भरोसा और घमंड था। वह स्वयं को अजेय समझ बैठा था। उन्होंने पूरे काइहोरो गाँव के लोगों का सफ़ाया कर दिया था। वह पूरे मनुष्यों को उतना ही असहाय और डरपोक समझने की ग़लती कर बैठा था जितना की काइहोरो के बेगुनाह गाँववाले थे। बाद में, जब लॉर्ड क्रम्ब का इन चार जाँबाज़ों से सामना हुआ तो वह इन्हें कमज़ोर समझ बैठा था लेकिन जब उसकी पूरी फ़ौज तबाह होने लगी तो उसे एक अज्ञात डर सताने लगा, और धीरे-धीरे यह भावना उसकी पूरी फ़ौज में फैल गई। फ़िल्म की पटकथा बड़ी अजीब लेकिन सशक्त है। नक़ली ख़ून का बेहिसाब इस्तेमाल किया गया है और हत्याओं को बड़े निर्मम और वर्णनातम्क ढंग से दिखाया गया है। ऐसा निर्देशन पीटर जैक्सन के अलावा कोई नहीं कर सकता। नक़ली ख़ून का इतना इस्तेमाल हुआ है कि वह हास्यास्पद लगता है। दर्शक इस फ़िल्म के अगले भागों के लिए भी तैयार रहें क्योंकि सन 1993 में पीटर जैक्सन ने न्यूज़ीलैण्ड के एक अख़बार को बताया था कि वे इस फ़िल्म के दो भाग, अर्थात् भाग 2 और 3 दोनों को एक साथ बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया की भाग 2 में बैरी, फ़्रैंक, और ओज़ी ‘परग्रहियों के शिकारी’ अपने साथी डेरेक को बचाने के लिए दूसरे ग्रह की यात्रा करते हैं, और भाग 3 में परग्रहियों के वेलिंगटन (न्यूज़ीलैण्ड की राजधानी) पर एक योजनाबद्ध हमले के बारे में दिखाया गया है। देखें ये भाग कब तक तैयार होते हैं।
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