Sunday, November 2, 2008

The Hills Have Eyes - 2006




द हिल्स हैव आइज़

रिलीज़ वर्ष - 2006
निर्देशक - अलेक्ज़ेन्डर आजा
निर्माता - वेस क्रेवन, पीटर लोक, मैरीएन मैडालीना, कोडी ज़्वीग
कलाकार - एरोन स्टैनफ़ोर्ड, एमिली डी रैविन, टेड लिवाइन, डैन बिर्ड, विनेसा शॉ, कैथलीन क्विनलान, मैसी कैमिलेरी प्रेज़िओसी, ग्रेगरी निकोटेरो, इवाना टर्चेटो, लॉरा ऑर्टिज़, माइकल बैली स्मिथ, एज़्रा बज़िंगटन, डेस्मंड एस्क्यू, टॉम बॉवर, रॉबर्ट जॉय, बिली ड्रैगो


द हिल्स हैव आइज़ वर्ष 2006 में बनी एक डरावनी फ़िल्म है जो असल में इसी नाम की वर्ष 1977 में बनी वेस क्रेवन की फ़िल्म का रीमेक है। फ़िल्म बड़ी रोचक है तथा एक वर्ग विशेष के बीच वर्षों से लोकप्रिय रही है। सन् 1977 से लेकर अब तक इस फ़िल्म के दो भाग और एक रीमेक, तथा रीमेक का दूसरा भाग आ चुका है। अब सुनते हैं कि इस फ़िल्म का एक पूर्वभाग (प्रीक्वेल) भी कॉमिक्स के ज़रिए छप रहा है जिसका नाम है 'द हिल्स हैव आइज़ - द बिगिनिंग'। इसे जिमी पामिओती और जस्टिन ग्रे ने लिखा है और चित्रांकन जॉन हिगिंस ने किया है। यह फ़िल्म अपने आप में मील का एक पत्थर है जिसने डरावनी फ़िल्मों के दीवानों के मानस-पटल पर सन् 1977 में एक विशिष्ट छाप छोड़ी थी। शायद इसी की प्रेरणा से निर्देशक अलेक्ज़ेन्डर आजा ने फ़िल्म का रीमेक बनाने का निश्चय किया और इसे देखने पर ऐसा बिलकुल भी नहीं लगता कि हम एक रीमेक देख रहे हैं। हर पात्र विशिष्ट है और कहानी को भी एकदम असली फ़िल्म की तरह नहीं बनाया गया है। मूल फ़िल्म से कुछ अंतर होने के कारण यह फ़िल्म अपने आप में एक परिपूर्ण फ़िल्म है। इसमें समय-समय पर ऐसे भयानक दृश्य उपस्थित होते हैं कि दर्शकों के मुँह से चीख़ निकल जाती है। ग़ौर करें कि दो प्रकार के इंसान होते हैं। एक ऐसे होते हैं जो हवाख़ोरी करने के लिए बाग़ में जाते हैं और बाग़ में फैली हरियाली, पक्षियों के शोर, और ठंडी हवा के संपर्क में आते ही कह उठते हैं "वाह क्या नज़ारा है" और दूसरे किस्म के इंसान ऐसे होते हैं जो बाग़ में आते तो हैं, और वहाँ पड़े किसी भारी पत्थर को सरकाते हैं, और पत्थर के नीचे दबी कीड़ों, केंचुओं की दुनियाँ और काई देखकर कहते हैं "वाह क्या नज़ारा है, मैं तुमको ही तो खोज रहा था!"। यदि आप दूसरे प्रकार के अंतर्गत आते हैं तो यह फ़िल्म निःसंदेह आपको पसंद आएगी। इसके विपरीत उन पहले प्रकार के इंसानों के लिए यह फ़िल्म नहीं बनी है जो बस सुंदर चीज़ों में ही सुंदरता खोजते फिरते हैं। इस फ़िल्म में वैसे तो अमरीका के न्यू मेक्सिको रेगिस्तान का ज़िक्र किया गया है लेकिन इस फ़िल्म की शूटिंग मोरक्को के रेगिस्तान में की गई थी। यदि इंसान को एकदम वीराने में छोड़ दिया जाए तो उसके लिए दिन और रात में कोई ख़ास अंतर नहीं रह जाता। अकेलापन तो अकेलापन होता है और वह किसी के मिटाए नहीं मिटता। ऐसे में यदि किसी इंसान को पता चले कि वह एक नितांत निर्जन स्थान में फँस गया है जहाँ से बचने की कोई उम्मीद नहीं है और इसी बीच यदि उसका सामना नरभक्षियों से हो जाए तो फिर क्या कहने। ज़रा सोचिए ऐसे इंसान के बारे में जो घर से कुछ अलग देखने की उम्मीद में चला हो लेकिन किसी वीराने में आकर फँस गया हो और उसे कुछ अलग टाइप के लोगों ने देख लिया हो। निश्चय ही ऐसी स्थिति भयंकर होगी। बस इसी भयंकर स्थिति को इस फ़िल्म में दर्शाया गया है। उन लोगों का क्या हुआ जो इस वीराने में दुर्भाग्य से आ गए थे और जिनके पास बचने का कोई रास्ता नहीं था। आइए पढ़ें।

कथा संक्षेप

फ़िल्म के आरंभ में बताया जाता है कि 50 के दशक से लेकर 60 के दशक तक न्यू मेक्सिको के रेगिस्तान में अमरीका सरकार ने कई परमाणु परीक्षण किए थे। ऐसे करीब 60 से अधिक परीक्षण किए गए थे। फिर कुछ वैज्ञानिकों को एक रेगिस्तान में खोज करते हुए दिखाया जाता है। उन्होंने एन.बी.सी. (न्यूक्लियर बायोलॉजिकल एंड केमिकल) सूट पहन रखे हैं ताकि रेडियोधर्मिता का प्रभाव उन पर न पड़े। वे वहाँ पानी में मौजूद मछलियों का परीक्षण कर रहे हैं और साथ ही पानी में रेडियोधर्मी तत्वों की मात्रा जाँच रहे हैं। इतने में ख़ून से सराबोर एक अन्य वैज्ञानिक उनमें से एक पर आ गिरता है और उससे जान बचाने की मिन्नतें करने लगता है लेकिन तभी एक विशालकाय आदमी वहाँ कुदाल (pickaxe) के साथ पहुँच जाता है और उन सभी पर हमला कर देता है। एक-एक करके वह सारे वैज्ञानिकों को बड़ी निर्ममता से मौत के घाट उतार देता है। किसी के सिर में कुदाल घुसा दी जाती है तो किसी को कुदाल से खोद दिया जाता है और फिर कुदाल से ही उठाकर पत्थर पर पटक दिया जाता है। हत्याएँ इतनी निर्ममता से होती हैं कि देखने वाले का दिल दहल जाता है। फिर वह अज्ञात आदमी उन सभी लाशों को ज़ंजीर से एक छोटी पिक-अप ट्रक के पीछे बाँधकर खींचकर कहीं ले जाता है। इसके बाद कास्टिंग शुरु होती है और पार्श्व में नाभिकीय परीक्षणों की कई तस्वीरें तथा वीडियो फ़ुटेज दिखाए जाते हैं। अंग-भंग बच्चों का जन्म दिखाया जाता है और 60 के दशक का कंट्री संगीत ‘मोर एंड मोर आई एम फ़ार्गेटिंग द पास्ट, मोर एंड मोर आई एम लिविंग एट लास्ट, डे बाई डे आई एम लूज़िंग माई ब्लूज़, मोर एंड मोर आई एम फ़ार्गेटिंग अबाउट यू, बट ओ आई ट्राइड टू कीप यू बाई माई साइट एंड ओ आई क्राइड द डे वी सेच गुडबाई...डे बाई डे...’। यह गाना प्रख्यात कंट्री गायक वेब पियर्स के द्वारा गाया गया है और अपने समय का मशहूर गीत है।


इस बीच न्यू मेक्सिको के रेगिस्तान में पसरे सन्नाटे के बीच में एक पेट्रोल पंप स्थित है। उसका मालिक एक गंदा और मैला-कुचैला सा दिखने वाला बूढ़ा है। इस बूढ़े का नाम जेब ज्यूनियर (टॉम बॉवर) है। शायद बाहर कोई है, जिसकी उपस्थिति जेब को विचलित कर रही है। जेब उस अज्ञात व्यक्ति की तलाश करते-करते खदान में ले जाने वाली एक सुरंग के मुहाने पर पहुँचता है। वह किसी रूबी का नाम लेकर कहता है “रूबी, ये तु्म्हीं हो ना, अगर तुम रूबी हो तो मैं तुम्हें देख लूँगा” और फिर वह वापस आ जाता है। अंदर आकर उसे एक बैग दिखाई पड़ता है। वह उस बैग को उठाकर उसके अंदर भरे सामान की जाँच करने लगता है। एक टिफ़िन का डिब्बा भी है जिसके अंदर इंसानी कान काटकर रखा हुआ है। जेब के मुँह पर भय मिश्रित घृणा उभर आती है और वह सामान को एक तरफ़ रखकर कुछ सोचने लगता है। कुछ देर के बाद उसे बाहर किसी गाड़ी के हॉर्न की आवाज़ सुनाई देती है। वह बाहर निकलकर देखता है तो पाता है कि एक पूरा परिवार किसी यात्रा पर निकला हुआ है। उनकी पास एक बड़ी जीप है, जिसके पीछे ‘एयरस्ट्रीम’ कंपनी का ट्रैलर जुड़ा हुआ है। यह कार्टर परिवार है जो छुट्टी पर है और छुट्टियाँ बिताने की ग़रज़ से सैन डिएगो जा रहा है। परिवार का मुखिया बॉब कार्टर (टेड लिवाइन) है। उसके साथ उसकी पत्नी ईथल कार्टर (कैथलीन क्विनलान), उसकी बड़ी बेटी लिन (विनेसा शॉ), लिन का पति डग (एरोन स्टैन्फ़ोर्ड), उनकी दुधमुँही बच्ची कैथरीन (मैसी कैमिलेरी प्रेज़िओसी), छोटी बेटी ब्रेण्डा (एमिली डी रैविन), और बेटा बॉबी (डेन बिर्ड) हैं। वे सभी पेट्रोल भरवाने की नीयत से जेब के पंप पर आए हैं। बातों-बातों में जेब उस परिवार की मंशा पूछता है तो ईथल उसे बताती है कि वे सभी सैन डिएगो जा रहे हैं। बॉब जेब को बताता है कि वह इंटेलिजेंस एजेंसी का रिटायर्ड अधिकारी है और जल्द ही अपना ख़ुद का सुरक्षा प्रशिक्षण केन्द्र खोलने जा रहा है। डग सीधा-साधा आदमी है। वह मोबाइल बेचने का धंधा करता है। बॉब और डग के बीच नहीं बनती। इसका कारण यह है कि बॉब को लगता है डग डरपोक है क्योंकि उसे हिंसा, ख़ून-ख़राबा और हथियारों से कोई लगाव नहीं है। वह तो बस सीधी-सादी ज़िंदगी बिताना चाहता है। ख़ैर इस अलगाव को लिन काफ़ी हद तक कम कर देती है। वह अपने पिता बॉब और पति डग के बीच संतुलन बनाए रखती है। इस बीच बॉबी टॉयलेट जाता है तो उसे लगता है कि कोई उसे छिपकर देख रहा है। वह टॉयलेट से निकलकर ब्रेण्डा से कहता है कि यह सबकुछ उसी की शरारत है, लेकिन ब्रेण्डा नहीं जानती कि बॉबी क्या कह रहा है। जेब बॉब से कहता है कि यदि वे थोड़े आगे जाकर एक शॉर्टकट से होकर आगे बढ़ें तो उनके कई किलोमीटर बच सकते हैं। जेब बॉब को उस स्थान का पता बताता है जहाँ से शॉर्टकट आरंभ होता है। बॉब जेब को धन्यवाद देता हुआ अपने परिवार सहित आगे बढ़ जाता है।

ब्रेण्डा इस सफ़र से ख़ुश नहीं है। वह अपने दोस्तों के साथ अपनी छुट्टियाँ बिताना चाहती थी लेकिन कार्टर दंपत्ति की शादी की 25वीं वर्षगाँठ है और वे इस ख़ुशी के मौक़े को अपने पूरे परिवार के साथ बिताना चाहते थे इसलिए ये सभी एक साथ सैन डिएगो की यात्रा पर निकले थे। वे सभी उस जगह पर पहुँच जाते हैं जहाँ से जेब ने उन्हें शॉर्टकट पकड़ने के लिए कहा था। उस रास्ते पर कुछ दूर आगे जाने पर दर्शकों को रास्ते पर कीलों की एक चेन दिखाई पड़ती है जिसकी कीलें बेहद नुकीली हैं। ठीक उसी समय बॉब की गाड़ी के टायर कीलों के संपर्क में आते ही फूट जाते हैं, और संतुलन बिगड़ने की वजह से उनकी गाड़ी एक बड़े पत्थर से टकरा जाती है। इस बीच वह कीलों वाली चेन किन्हीं अज्ञात हाथों द्वारा खींच ली जाती हैं। कार्टर परिवार गाड़ी की हालत देखकर विचलित हो जाता है। गाड़ी पूरी तरह बरबाद हो चुकी है। उसके पहियों की धुरी टूट गई है और इंजन क्षतिग्रस्त हो चुका है। ऐसी विषम स्थिति में क्या किया जाए? दूर-दूर तक निर्जनता की चादर पसरी पड़ी है। भयानक गर्मी, पेड़ पौधों का नामोनिशान नहीं, सहायता की कोई संभावना नहीं और ऐसा लगता है जैसे इस रास्ते ने वर्षों से किसी इंसान की सूरत नहीं देखी है। सभी इस समस्या से जूझ रहे हैं। डग अपना मोबाइल फ़ोन निकालकर सिग्नल की जाँच करता है लेकिन उसे कोई सिग्नल नहीं मिलता। हताश होकर वे सभी बैठ जाते हैं। इस बीच लिन ट्रेलर के अंदर कुछ सामान निकालने जाती है तो ट्रैलर की खिड़की से उसे क्षण भर के लिए दूर पहाड़ियों में कोई चीज़ चमकती नज़र आती है मानो कोई आईना चमका रहा हो। लिन के मन में एक क्षण के लिए आशंका तो अवश्य उत्पन्न होती है लेकिन वह जल्द ही इसे अपने दिमाग़ से निकाल देती है।

खूब सोच-विचार के बाद अंत में निर्णय लिया जाता है कि बॉब वापस उसी पेट्रोल पंप की ओर जाएगा और सहायता लेकर आएगा और दूसरी ओर डग बिलकुल विपरीत रास्ते पर जाएगा और सहायता की तलाश करेगा। बॉब और डग अपनी सुरक्षा के लिए रिवॉल्वर रख लेते हैं। डग पहले तो रिवॉल्वर रखने से मना करता है लेकिन लिन के अनुरोध पर उसे रिवॉल्वर रखनी पड़ती है। जाते समय बॉब एक रिवॉल्वर अपने बेटे बॉबी के पास छोड़ देता है और उसे परिवार की सुरक्षा करने को कहता है। जाने से पहले वे सभी एक साथ मिलकर ईश्वर से अपनी सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं। इस बीच उन्हें दूर पहाड़ियों से कोई दूरबीन से देख रहा है। प्रार्थना के बाद बॉब पेट्रोल पंप की ओर और डग सहायता की तलाश में ठीक एक-दूसरे की विपरीत दिशा में चल पड़ते हैं। इधर ब्रेण्डा, बॉबी, लिन, उसकी बेटी कैथरीन, और ईथल, ट्रैलर के पास बैठकर स्थितियों के ठीक होने का इंतज़ार करने लगते हैं। कार्टर परिवार के पास जर्मन शेफ़र्ड कुत्तों का एक जोड़ा है जिनके नाम ब्यूटी और बीस्ट हैं। ब्यूटी मादा है और बीस्ट नर। इन दोनों को बॉबी ने बड़ी मुश्किल से ट्रेलर में बंद किया था लेकिन ब्रेण्डा लापरवाही से ट्रेलर का दरवाज़ा खोल देती है। दरवाज़ा खुलते ही ब्यूटी बाहर निकल कर रेगिस्तान में इधर-उधर भागने लगती है। सामने पत्थरों की पहाड़ियाँ है जहाँ ब्यूटी जाकर गुम हो जाती है। ब्यूटी का पीछा करते-करते बॉबी भी उन पत्थरों की पहाड़ियों पर जाता है। थोड़ा आगे जाने पर उसे ख़ून की कुछ लकीरें दिखाई देती हैं। किसी अज्ञात भय से बॉबी का मन भर उठता है, लेकिन उसके हाथों में रिवॉल्वर है तो डर कैसा? बॉबी हिम्मत करके ख़ून की लकीरों का पीछा करने लगता है और अंत में जहाँ पर ख़ून की लकीरें ख़त्म होती हैं वहाँ उसे ब्यूटी की लाश दिखाई पड़ती है। ब्यूटी मर चुकी है और उसका एक पिछला पैर उखाड़ा जा चुका है। बॉबी की आँखों में आँसू आ जाते हैं और वह ब्यूटी का और करीब से मुआयना करने जाता है तो पाता है कि किसी ने ब्यूटी का गला और उसका पेट चीर कर रख दिया है, मानो किसी धारदार हथियार के एक ही वार से किसी ने उसकी ये दुर्गति कर दी गई हो। बॉबी को तुरंत एहसास हो जाता है कि इस वीराने में कोई और है, और वह जो कोई भी है, बेहद ख़तरनाक और क्रूर है। डर के मारे बॉबी वहाँ से भाग निकलना चाहता है लेकिन उसके अव्यवस्थित कदम किसी पत्थर पर पड़ते ही डगमगा जाते हैं और वह एक ऊँची चट्टान से नीचे गिरकर अपने होश खो बैठता है। दर्शक देखते हैं कि इसके बाद एक लाल कपड़े पहनी हुई युवती बॉबी के क़रीब आती है और उसका सर सहलाने लगती है।

इस बीच डग चलते-चलते अपने रास्ते के अंत में पहुँच जाता है। वहाँ उसे कुछ नहीं मिलता। वहाँ परमाणु परीक्षणों से बने विशाल गड्ढों के अलावा कुछ भी नहीं है। वहाँ बहुत-सी बेकार कारें पड़ी हुई हैं जिनपर धूल की एक मोटी परत जम गई है। देखकर नहीं लगता कि वे कारें चल पाएँगी। पता नहीं वे सब किन अभागों की कारें हैं। डग को वहाँ एक कार में एक टेडी बेयर और एक मछली पकड़ने की बंसी और फ़िशिंग रोप दिखाई देते हैं। वह उन दो सामानों को अपने साथ लेकर वापस चल पड़ता है।

बॉबी के पास बैठी युवती का नाम रूबी (लॉरा ऑर्टिज़) है। रूबी ज़ालिम नहीं है, उसके मन में असहायों के प्रति संवेदना है शायद यही कारण है कि वह अपनी ओर से बेहोश बॉबी की तीमारदारी में लगी थी। तभी कुछ ख़ून की बूँदें नीचे गिरती हैं, रूबी ऊपर देखती है तो पाती है कि उसका भाई गॉगल (एज़्रा बज़िंगटन) चट्टान के ऊपर बैठा ब्यूटी की उखाड़ी हुई टांग चबा रहा है। क्षण भर को रूबी की मुखमुद्रा मलिन हो जाती है और वह बड़ी हेय दृष्टि से अपने भाई को देखती है। जवाब में गॉगल अपनी भद्दी-सी हँसी सुनाता है और फिर ब्यूटी की टांग चबाने में व्यस्त हो जाता है। गॉगल ने अपने गले में एक दूरबीन लटका रखी है जिससे पता चलता है कि यही वह आदमी है जो रेगिस्तान में भटके लोगों को दूर से देखता है। रूबी तब तक बॉबी के पास बैठी रहती है जब तक उसे होश नहीं आ जाता। उसके होश में आते ही रूबी वहाँ से दबे पाँव निकल जाती है।


इस बीच बॉब पेट्रोल पंप तक पहुँचने में सफल हो जाता है। उसका इरादा वहाँ जाकर जेब से मिलकर पता लगाना है कि उसने उन्हें सही रास्ता बताया था या फिर झूठ बोला था। साथ ही वह चाहता है कि यदि उसे वहाँ कोई कार या गाड़ी मिल जाती है तो वह उसके ज़रिए अपने परिवार को उस वीराने से निकाल सकता है। जब उसे पेट्रोल पंप पर कोई नहीं मिलता तो वह जेब की इधर-उधर तलाश करने लगता है। अंदर जाकर देखने पर उसे वह टिफ़िन का डब्बा दिखाई देता है। उसे खोलने पर बॉब को एक कटा हुआ इंसानी कान दिखाई देता है। फिर उसकी नज़र दीवारों पर काटकर चिपकाए गए अख़बार के समाचारों पर पड़ती है। उन समाचारों में न्यू मेक्सिको के रेगिस्तान में सरकार द्वारा किए गए परमाणु परीक्षण के समाचार, रेगिस्तान में पहुँचकर ग़ायब होने वाले लोगों के समाचार, और परमाणु परीक्षणों के दुष्परिणाम की वजह से न्यू मेक्सिको के रेगिस्तान में पैदा हो रहे अपंग बच्चों के बारे में समाचार थे। बॉब इन समाचारों तथा मूल्यवान सामग्री से भरे बैगों को देखते ही समझ जाता है कि उनका वीराने में फँसना महज़ इत्तफ़ाक़ नहीं था बल्कि वे सभी एक सोची-समझी साजिश का शिकार हुए हैं। जेब उन्हीं लोगों से मिला हुआ था जिनके कारण रेगिस्तान में इतने लोग ग़ायब हुए। बॉब तुरंत ही रिवॉल्वर निकालता है और आशंकित मन से जेब की तलाश करने लगता है। उसे जेब अंदर तो कहीं नज़र नहीं आता लेकिन बाहर एक टॉयलेट से उसके रोने की आवाज़ आती है। बॉब टॉयलेट का दरवाज़ा खोलकर देखता है तो पाता है जेब फ़र्श पर बैठा बड़बड़ा रहा है "मैं अब यह और नहीं कर सकता, मेरे बच्चों मुझे माफ़ करो, ये कैसी अजीब जगह है"। बॉब को जेब के एक हाथ में शॉटगन नज़र आती है और दूसरी हाथ में शराब की बोतल। साफ़ है कि जेब नशे में धुत्त होकर वहाँ पड़ा है। बॉब उसे बंदूक नीचे फ़ेंकने को कहता है लेकिन जेब उसकी बात को अनसुना करते हुए बंदूक की नली अपनी ठोड़ी के नीचे रखकर ट्रिगर दबा देता है। ट्रिगर के दबते ही जेब का पूरा चेहरा उड़ जाता है और उसके स्थान पर ख़ून और माँस का लोथड़ा दिखाई देने लगता है। बॉब को इसकी क़तई उम्मीद नहीं थी। तभी बॉब को “डैडी ओ डैडी ये तुमने क्या किया” ऐसा स्वर सुनाई देता है। घबराहट में वह इधर-उधर गोलियाँ दाग़ने लगता है। गोली ख़त्म होने पर वह वहाँ मौजूद जेब की कार में बैठ जाता है और उसे चलाने के नीयत से चाबी घुमाता है। लेकिन यह क्या! आवाज़ तो उसकी पिछली सीट से आती रहती है! रियर-व्यू मिरर में उसे उस आदमी का भयानक चेहरा दिखाई देता है जो अभी अपने ‘डैडी’ को याद करके रो रहा था। इससे पहले कि बॉब कुछ समझ पाता, पीछे बैठा दाढ़ी वाला आदमी पापा ज्यूपिटर (बिली ड्रैगो) उसका सर पकड़कर कार के शीशे में तब तक पटकता है जब तक वह बेहोश नहीं हो जाता। कार की खिड़की के शीशे पर बॉब का ख़ून फैल जाता है और फिर ज्यूपिटर बॉब को खदान के भीतर जाने वाली सुरंग के भीतर, अपने कुछ सहयोगियों की सहायता से, खदान में चलने वाली ट्राली पर लादकर, अंधेरे में ले जाता है। बेहोश होते समय बॉब को ज़रा भी एहसास नहीं होता कि उसे कहाँ ले जाया जा रहा है।

इधर डग वापस आकर परिवार के लोगों को बताता है कि उसे कहीं कुछ नहीं मिला। वह अपने साथ लाए सामान लिन को दे देता है। फिर वे सभी मिलकर बॉब का इंतज़ार करने लगते हैं। बॉबी के सिर पर गिरने के कारण थोड़ी चोट आई है। उसकी मरहम-पट्टी की जा चुकी है लेकिन बॉबी बहुत डरा हुआ है। उसका परिवार उसे बताता है कि बीस्ट का भी कुछ पता नहीं है, वह कभी का इस ट्रेलर से ग़ायब है। बॉबी ब्यूटी के साथ हुए हादसे के बारे में किसी से चर्चा नहीं करता क्योंकि वह जानता है कि ऐसी स्थिति में इस तरह का समाचार उसके परिवार के सदस्यों को बहुत ज़्यादा डरा सकता है। उसे बॉब के अब तक न लौट आने की चिंता सता रही है। खाने-पीने के बाद पूरा परिवार रात के सन्नाटे में, बीच रेगिस्तान में, ऊपर वाले की मेहरबानी की छत्रछाया में आराम करना चाहता है। ईथल सो चुकी है और डग तथा लिन बाहर कार में जाकर सोने का मन बनाते हैं लेकिन बॉबी का मन उनकी सुरक्षा को लेकर सशंकित हो जाता है। वह उनसे अनुरोध करता है कि वे कार में न सोएँ बल्कि अंदर आकर सब की तरह ट्रेलर के अंदर ही सोएँ। लिन और डग को लगता है कि बॉबी अब तक पिता बॉब के न आने के कारण चिंतित है। वे उसे विश्वास दिलाते हैं कि डरने की कोई बात नहीं है। डग उसे समझाता है कि यदि उसके पिता बॉब आधी रात तक वापस न लौटे तो वे उन्हें ढूँढ़ने निकल पड़ेंगे। बॉबी का मन नहीं मानता और वह पहरेदारी करने लगता है और आधी रात होने का इंतज़ार करने लगता है। उसे पहले किसी कुत्ते की धीमी-सी आवाज़ सुनाई देती है और फिर किसी के हँसने की आवाज़ आती है। बॉबी कुछ दूर इधर-उधर भी जाता है लेकिन अंधेरे में उसे दूरृ-दूर तक फैली बंजर ज़मीन और पहाड़ियों के अलावा कुछ नहीं दिखता। जब उसका मन नहीं मानता तो वह डग और लिन के पास जाकर उनसे कहता है कि उसे यह जगह ठीक नहीं लगती। बॉबी अपने आपको नहीं रोक पाता और उनसे कहता है कि वे इस रेगिस्तान में अकेले नहीं हैं। उनके अलावा यहाँ और कोई भी है जिसकी नज़र उनके परिवार पर पड़ चुकी है। वह उन्हें ब्यूटी के साथ हुए हादसे के बारे में भी बताता है। इस बीच सूट-जैकेट पहने एक अति विकृत चेहरे वाला भारी-भरकम गंजा आदमी प्लूटो (माइकल बैले स्मिथ) ट्रेलर के अंदर चुपचाप घुस जाता है और सीधा ब्रेण्डा के कमरे की ओर बढ़ जाता है। थोड़ी ही देर में उस गंजे आदमी का शक्तिशाली पंजा ब्रेण्डा के मुँह पर पत्थर की तरह जम जाता है। ब्रेण्डा उस घुसपैठिए को देखते ही भय से भर उठती है। वह आदमी बड़ा ही विकृत है। उसका सिर गंजा है, एक आँख बिलकुल अंदर धँसी हुई है, दाँत ऊबड़-खाबड़ हैं और वह साँड की तरह ताक़तवर है। वह ब्रेण्डा के अकेलेपन का भरपूर फ़ायदा उठाने की कोशिश करता है और पशुओं की तरह उसे नोचने-खसोटने लगता है। बाहर बात कर रहे बॉबी, डग और लिन का ध्यान बँटाने के लिए वह अपने वॉकी-टॉकी से किसी को संदेश भेजता है ‘अब करो’।

बॉबी की बात का विश्वास आते ही डग उसकी सहायता करने को कार से उतर पड़ता है। ठीक उसी समय कुछ दूरी पर एक तेज़ धमाका होता है और वे देखते हैं कि कोई आदमी बंधा हुआ है और धू-धू करके जल रहा है। धमाके से अंदर सोई ईथल भी जाग जाती है। लिन भी उनके साथ हो लेती है। बॉबी और डग पास जाकर देखते हैं तो पाते हैं कि वह जलता हुआ आदमी और कोई नहीं बल्कि बॉब है। बॉब पीड़ा के कारण ज़ोर से चीख़ रहा व छटपटा रहा है। आग इतनी तेज़ी से फैल रही है कि बॉब के हाथ-पाँव जलते जा रहे हैं। भीषण गर्मी से बॉब की आँखें फूट जाती हैं। डग बहुत तेज़ी से ट्रैलर की दीवार पर लगा अग्निशामक लेकर आता है और ब्रेण्डा को कैथरीन का ध्यान रखने को कह बाहर से ही लौट जाता है उसे नहीं पता कि ब्रेण्डा पर अंदर क्या बीत रही है। लेकिन बहुत देर हो चुकी है। बॉब मर चुका है। ईथल भारी सदमे में है। उसे क़तई ये अंदाज़ा नहीं था कि वह बॉब से इस तरह मिलेगी। किसी को समझ नहीं आता कि ऐसी भयानक मौत आख़िर कोई बॉब को क्यों देगा, वह भी इस वीराने में जहाँ कार्टर लोग किसी को नहीं जानते। ईथल बार-बार कह रही है कि बॉब ठीक है, क्योंकि वह सदमे के कारण अपना मानसिक संतुलन खो बैठी है। इसी बीच एक और भद्दी-सी दिखने वाली आकृति ट्रेलर के अंदर आती है। वह आकृति एक आदमी की है जिसने हैट लगा रखा है। उसका नाम लिज़ार्ड (रॉबर्ट जॉय) है। उसका चेहरा बेहद कुरूप है। उसका एक होंठ फटा हुआ और आँखों के नीचे चिपका हुआ है। उसके पीले-पीले गंदे दाँत, झुर्रीदार चेहरा, और हैवानों जैसी आँखें उसका रूप बेहद भयानक बनाते हैं। वह ट्रैलर के अंदर दाख़िल होकर खाने की तलाश करने लगता है। वह फ़्रिज से जूस निकाल कर पीता है और फिर घूमते-घूमते पालतू चिड़िया के पिंजरे तक आता है। वह पिंजरा खोलता है और चिड़िया का सिर अपने दाँतों से काटकर अलग कर देता है और फिर मरी हुई चिड़िया के धड़ को अपने मुँह में निचोड़कर सारा ख़ून गटागट पी जाता है। वह प्लूटो की ओर मुड़ता है और उसे ब्रेण्डा के ऊपर से उठाकर नीचे पटक देता है और उससे कहता है ‘यह सब करने के लिए तुम बहुत छोटे हो!’ फिर वह ख़ुद ब्रेण्डा पर भूखे भेड़िये की तरह झपट पड़ता है। प्लूटो को ग़ुस्सा आ जाता है और वह अपना ग़ुस्सा ट्रेलर में रखे सामानों पर निकालने लगता है। फिर प्लूटो लिन की बच्ची कैथरीन के पालने के पास आकर उसे पुचकारने लगता है।

इधर डग लाख कोशिशों के बाद आग पर क़ाबू तो पा लेता है लेकिन बॉब बहुत पहले ही मर चुका है। पूरा परिवार सकते में है। ईथल, बॉबी, और डग समझ नहीं पा रहे हैं कि वे क्या करें। इसी बीच लिन को ब्रेण्डा की घुटी-घुटी चीख़ें ट्रेलर के अंदर से आती हुई सुनाई देती हैं। वह तुरंत ट्रेलर की तरफ़ भागती है। ट्रैलर के अंदर पहुँच कर लिन देखती है कि वहाँ सब कुछ अस्त-व्यस्त पड़ा हुआ है। वह ब्रेण्डा को देखते ही समझ जाती है कि क्या हुआ। हिम्मत दिखाते हुए लिन इन जंगली वहशियों से अपनी बच्ची को बचाने का प्रयास करती है कि ईथल आ जाती है। ईथल अपनी बेटियों की सुरक्षा कर पाती इससे पहले ही लिज़ार्ड उसे गोली मार देता है, फिर लिन द्वारा प्रतिरोध करने पर उसका भी सिर गोली से उड़ा देता है। लिज़ार्ड और प्लूटो कैथरीन को लेकर भाग निकलते हैं। जाते समय लिज़ार्ड ब्रेण्डा से कह जाता है कि वह उसके लिए दोबारा बहुत जल्द लौटेगा। बॉबी और डग जब तक ट्रेलर तक आते तब तक कुछ देर हो चुकी थी। बॉबी अंधेरे में भागती हुई लिज़ार्ड और प्लूटो की आकृतियों पर गोली चलाता है लेकिन उसकी गोलियाँ ख़त्म हो जाती हैं। ब्रेण्डा पागलों की तरह चीख़ रही है। वह इतनी डर चुकी है कि उसे दौरे-से पड़ रहे हैं। डग जब लिन के पास पहुँचता है तो लिन अपनी आख़िरी साँसें गिन रही होती है। कुछ देर में वह मर जाती है। डग को कैथरीन नहीं दिखाई देती तो वह समझ जाता है कि वे दरिंदे उसे उठा ले गए हैं। ईथल की मौत निकट है। मरने से पहले उसे लग रहा है कि जो कुछ भी हुआ वह सब एक सपना था। उसे ठंड लगती है। उसे मृत्यु के पास आने की वजह से भ्रम हो रहा है। वह डग की तारीफ़ करती है कि वह बहुत अच्छा है और उसका बहुत ख़याल रखता है। फिर वह पूछती है कि क्या सब सो गए। इसी तरह के सवाल करते-करते कुछ देर में ईथल भी मर जाती है। उधर दूर मैदान में, जहाँ बॉब को ज़िंदा जला दिया गया था वहाँ उसकी लाश पड़ी हुई थी, लेकिन कोई अज्ञात व्यक्ति उसे खिसकाकर ले जाता है।

उधर दूर गॉगल अपनी दूरबीन से उन सब की निगरानी करता रहता है कि इसी बीच उसे अपने आसपास गुर्राहट सुनाई देती है। अंधेरे में वह कुछ देख पाता इससे पहले ही बीस्ट का ताक़तवर जबड़ा उसके हाथों में आकर जम जाता है। बीस्ट उसे चीरफाड़ डालता है। वह तब तक ऐसा करता है जब तक गॉगल की भुजा उसके शरीर से अलग नहीं हो जाती। फिर बीस्ट उसकी भुजा को मुँह में दबाए एक ओर चल पड़ता है। गॉगल की भुजा में एक रेडियो वॉकी-टॉकी अब भी झूल रहा है। बॉबी ग़ुस्से से पागल हो रहा है। वह अपने परिवार पर हुए अत्याचार का बदला लेने की नीयत से ट्रेलर से बाहर निकलने लगता है। डग उसे कहता है कि वह टिक नहीं पाएगा और उसे लड़ाई करने से पहले एक योजना अपनानी होगी। बॉबी चिढ़ जाता है और कहता है कि डग डरपोक है और उसके पिता ठीक ही कहा करते थे। डग को ग़ुस्सा आ जाता है। उसी समय उन्हें ट्रेलर के दरवाज़े पर किसी की आवाज़ सुनाई देती है। बॉबी उस दिशा में तीन-चार गोलियाँ दाग़ देता है। गोलियाँ ट्रेलर का दरवाज़ा बेधती हुई बाहर निकल जाती हैं लेकिन आवाज़ फिर भी बंद नहीं होती। फिर वे दोनों हिम्मत करके बाहर निकलते हैं तो उन्हें ट्रेलर के दरवाज़े के ठीक सामने एक कटा हुआ इंसानी बाज़ू दिखाई देता है। आवाज़ उसी बाज़ू में लिपटे रेडियो वॉकी-टॉकी से आती रहती है। बीस्ट वापस आ गया है। उसे देख बॉबी और डग ख़ुश होते हैं और उसे पुचकारते हैं। डग वॉकी-टॉकी पर पूछता है कि वह जो कोई भी है, क्यों उनके पीछे पड़ा है, उनका उद्देश्य क्या है और वह उनसे अपनी बच्ची वापस माँगता है। उधर से कोई जवाब न आने पर बॉबी डग से पूछता है कि उन्हें क्या करना चाहिए।

अगली सुबह डग बीस्ट को लेकर उन हैवानों की खोज में निकल पड़ता है। बीस्ट ने गॉगल की महक सूँघ ली थी और अब वह उसी महके के सहारे डग को शैतानों के अड्डे पर ले जा रहा है। हथियार के नाम पर डग के पास केवल एक बेसबॉल बैट है। बीस्ट उसे एक सुरंग के पास लेकर आता है। और फिर वे उस सुरंग के ज़रिए आगे बढ़ने लगते हैं। शायद वह सुरंग उन्हें उनकी मंज़िल तक ले जाएगी। एक और आकृति है रूबी की, जो डग के साथ-साथ चल रही है लेकिन उसकी नज़रों से बचते हुए। वह क्या चाहती है? डग उस अंधेरी सुरंग से बाहर आकर बाहर दूर-दूर तक फैले रेगिस्तान में बसा हुआ एक छोटा-सा गाँव देखता है। उसे वह गाँव निर्जन दिखाई देता है। तेज़ धूप, और धूलभरा गाँव, यहाँ-वहाँ पुरानी कारें और पुरानी मशीनें बिखरी हुई हैं। एक घर में उसे जनरेटर की आवाज़ सुनाई देती है। वह उस मकान की खिड़की के शीशे को ज़रा-सा साफ़ करके अंदर देखने का प्रयास करता है। अंदर उसे एक बिस्तर पर कैथरीन लेटी हुई दिखाई देती है। उस समय एक और अतिविकृत चेहरे वाला आदमी सिस्ट (ग्रेगरी निकोटेरो) वहाँ से गुज़रता है। बीस्ट के मुँह से हल्की सी आवाज़ निकलती है लेकिन डग उसका मुँह दबा देता है। सिस्ट पीछे मुड़कर देखता है लेकिन उसे कोई नज़र नहीं आता। सिस्ट एक लड़की की लाश घसीट कर ला रहा है। डग पास खड़ी एक कार की ओट में हो जाता है फिर बीस्ट को वहीं छोड़कर और उसे चुप रहने को कहकर मकान के अंदर चला जाता है। हाथों में बैट लिए वह एक-एक कमरे के अंदर ध्यान से देखने लगता है। एक कमरे में उसे एक गंजी और मोटी औरत (इवाना टर्चेटो) दिखाई देती है। वह टेलीविज़न देखते हुए एक विग सँवार रही है। डग कैथरीन के कमरे की तरफ़ चला जाता है और कैथरीन को अपनी गोद में उठाकर बाहर चलने को होता है कि तभी पीछे से वह गंजी औरत बिग मामा डग के सर पर वार करती है और डग बेहोश हो जाता है। होश में आने पर डग अपने आपको एक आइस-बॉक्स में बंद पाता है। वह आदमकद आइस-बाक्स है जिसमें बर्फ़ीले पानी के साथ-साथ कुछ और भी रखा हुआ है। अंधरे आइस-बॉक्स में डग अपनी माचिस किसी तरह जलाता है और रौशनी में उसे समझ आ जाता है कि वह किसके बीच पड़ा हुआ है। डग देखता है कि उसके इर्द-गिर्द केवल इंसानी अंग कटे-फटे पड़े हुए हैं। जिसे वह बर्फ़ीला पानी समझ रहा था, वह असल में उन कटे हुए अंगों से रिसा ख़ून था। डग दहशत से पागल हो जाता है और वहाँ से निकलने के लिए पूरा ज़ोर लगाता है। उसके अथक प्रयासों के बाद आइस-बॉक्स का ढक्कन उखड़कर ऊपर उछल जाता है और डग आज़ाद हो जाता है।

वह फिर एक बार मकान के अंदर दाख़िल होता है। इस बार वह ज़्यादा सतर्क है क्योंकि वह जान चुका है कि ये हत्यारे सिर्फ़ हत्या ही नहीं करते बल्कि वे तो नरभक्षी हैं और मानव-माँस उनके आहार का एक हिस्सा है। डग अंदर बढ़ने लगता है तो एक कमरे से उसे राष्ट्रीय गान के स्वर सुनाई देते हैं वह आवाज़ की दिशा में बढ़ जाता है। अंदर जाने पर डग देखता है कि बॉब की लाश कुर्सी पर बैठने की मुद्रा में रखी हुई है। उसके सिर पर अमरीका का एक झंडा, किसी नुकीले रॉड में चिपकाकर उसके सर में गाड़ दिया गया है। डग देखता है कि वहाँ बहुत सारे पुतले रखे हैं। एक बहुत-बड़े सिर वाला आदमी व्हील चेयर पर बैठा राष्ट्रीय गान गा रहा है। उसका सिर इतना बड़ा है कि वह कंधे पर टिक नहीं पाता और पीछे की ओर लुढ़का हुआ रहता है। उसका नाम बिग ब्रेन (डेस्मंड एस्क्यू) है। उसका चेहरा बेहद विकृत है और वह उन नरभक्षियों का कोई नेता लगता है। उसकी आवाज़ सुनते ही डग को वह आवाज़ याद आ जाती है जो उसने उस वॉकी-टॉकी पर सुनी थी जिसे बीस्ट गॉगल की भुजा समेत ले आया था। वह उससे पूछता है कि उसकी बेटी कैथरीन कहाँ है। जवाब में वह केवल हँसकर कहता है “यह सब तुम लोगों की मेहरबानी से हुआ है। सरकार ने यहाँ परमाणु परीक्षण कर-कर के हमारी यह हालत बना दी और इसकी सज़ा उन्हें भुगतनी होगी।” फिर वह ज़ोर-जोर से हँसने लगता है तो डग पूछता है “इसमें हँसने की क्या बात है” जवाब में बिग ब्रेन कहता है “नाश्ते का समय हो गया”। ठीक उसी समय शीशा तोड़कर प्लूटो अंदर दाख़िल होता है। अंदर आते ही वह अपनी कुल्हाड़ी से डग पर वार करने के लिए झपटता है। उसका हाथ इतनी तेज़ी से चलता है कि डग को समझ ही नहीं आता कि उसे भाग कर कहाँ जाना चाहिए। वह डग को कई बार उठाकर पटकता है। डग इतना डर जाता है कि पनाह माँगने लगता है। इस बीच बीस्ट आकर उसकी सहायता करने लगता है और प्लूटो की बाँह में अपने दाँत गड़ा देता है, लेकिन प्लूटो उसे घुमाकर दूर फेंक देता है। डग को समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या करे। कोई रास्ता न पाकर डग एक कमरे में घुस जाता है और उसका दरवाज़ा बंद कर देता है। वह दरवाज़े के सामने कई भारी-भरकम सामान भी रख देता है। कुछ देर तक तो शांति रहती है लेकिन प्लूटो दूसरी ओर की दीवार तोड़ता हुआ अंदर आ जाता है। इस लड़ाई में बचाव करते हुए डग का बैट टूट जाता है तो वह बैट की टूटी हुई मूठ प्लूटो के पेट में घोंप देता है। प्लूटो को कोई ख़ास फ़र्क़ नहीं पड़ता। वह बैठ के मूठ को खींचकर बाहर निकालता है और डग पर उसी से वार करता है। फिर वह डग पर अपनी कुल्हाड़ी से वार करता है। डग के बाँये हाथ की दो अंगुलियाँ कटकर अलग हो जाती हैं और वह मार खा-खाकर निढाल हो जाता है। वह प्लूटो के कदमों पर गिर जाता है और उससे दया की भीख माँगने लगता है। प्लूटो अपनी कुल्हाड़ी डग के सिर पर यूँ फिराता है जैसे कोई क़साई बकरे को काटने से पहले उसकी गर्दन पर छुरा फिराता है। प्लूटो बिग ब्रेन की ओर देखकर हँसने लगता है कि तभी डग पास पड़ा स्क्रू-डाइवर उठाता है और प्लूटो के पैर में घोंप देता है। प्लूटो दर्द से छटपटाने लगता है। मौक़ा मिलते ही डग बॉब की लाश के सिर में गड़ा झंडा निकालता है और बिना देर किए उसका नुकीला सिरा प्लूटो की गर्दन में घोंप देता है। रॉड का नुकीला सिरा पैवस्त होते ही प्लूटो की साँसें उखड़ने लगती हैं और वह चकरा कर नीचे गिर जाता है। डग को उसपर रहम नहीं आता और वह प्लूटो की कुल्हाड़ी उठाकर उसके सर पर वार करता है। कुल्हाड़ी का फल प्लूटो का सिर फाड़ता हुआ अंदर जा धँसता है और प्लूटो की तत्काल मौत हो जाती है। फिर वह अपना टूटा चश्मा उठाकर चलने लगता है। यह सब देखकर बिग-ब्रेन अपने वॉकी-टॉकी पर लिज़ार्ड से कहता है कि वह बच्ची को मार डाले। फिर वह जैसे ही अपनी बात ख़त्म करता है, उसे अपने पीछे बीस्ट खड़ा नज़र आता है। बीस्ट बिग-ब्रेन पर टूट पड़ता है और उसे चीरफाड़ कर मार डालता है।

सिस्ट को भनक लग जाती है कि मकान के अंदर कुछ गड़बड़ चल रही है। वह शॉटगन लेकर मकान के अंदर जाने को होता है लेकिन डग पहले ही घात लगाकर बैठा है। सिस्ट के पास आते ही डग उसपर कुल्हाड़ी से ताबड़तोब वार करता है और सिस्ट की खोपड़ी में कुल्हाड़ी का फल गाड़ देता है। वह कुल्हाड़ी के फल को ताक़त लगा-लगाकर और अंदर पैवस्त करता जाता है ताकि सिस्ट की मौत हो जाए, इसपर भी जब सिस्ट नहीं मरता तो डग कुल्हाड़ी के नुकील फल को सिस्ट की आँखों में गाड़ देता है और सिस्ट की मौत हो जाती है।

इस बीच ब्रेण्डा और बॉबी ने लिन और ईथल की लाश अपनी टूटी कार में पहुँचा दी है। उन्होंने डग के फ़िशिंग रोप से अपने चारों ओर एक सुरक्षा घेरा तैयार किया है। यदि इस रोप (महीन रस्सी) को कोई छू जाए तो उनका अलार्म बज उठेगा। ब्रेण्डा ने टायर जलाकर धुआँ फैला रखा है। उसका उद्देश्य उस धुएँ के माध्यम से संदेश भेजना है कि वे इस मरुस्थल में फँस चुके हैं और उन्हें सहायता चाहिए। कुछ देर में उनका अलार्म बज उठता है। ब्रेण्डा और बॉबी दौड़कर कार के पास जाते हैं तो पाते हैं कि ईथल की लाश ग़ायब हो चुकी है। बॉबी रिवॉल्वर लेकर इधर-उधर नज़र दौड़ाता है लेकिन ईथल नहीं दिखाई देती। थोड़ा और आगे जाने पर उसे एक भयानक दृश्य दिखाई देता है। वह देखता है कि पापा ज्यूपिटर (जो इन नरभक्षियों का नेता है) ईथल की लाश चट्टान पर रखकर बड़े मज़े से खा रहा है। वह ईथल का पेट फाड़कर उसका जिगर निकालकर खाता है। बॉबी को देखते ही उबकाई-सी आने लगती है। तभी ज्यूपिटर उसे देख लेता है और उसके पीछे पड़ जाता है। वह बॉबी की ओर एक कुदाल फेंककर मारता है। वह कुदाल बस बॉबी से कुछ ही दूर ट्रेलर की दीवार में धँस जाता है। बॉबी और ब्रेण्डा दौड़कर ट्रेलर के अंदर घुस जाते हैं और दरवाज़ा बंद कर देते हैं। ज्यूपिटर ब्रेण्डा का हाथ झपटकर पकड़ लेता है लेकिन बॉबी ट्रेलर की खिड़की से उसके हाथ बाँध देता है। वे ट्रेलर में रखे गैस सिलेंडरों का नॉब खोल देते हैं। गैस धीरे-धीरे पूरे ट्रेलर में भरने लगती है। बॉबी दरवाज़े के तले में एक माचिस की तीली और रगड़-पट्टी फँसा देता है। बॉबी और ब्रेण्डा आपात निकास खिड़की से ट्रेलर के बाहर आ जाते हैं। कुछ देर में ज्यूपिटर आज़ाद हो जाता है उसे अनुमान है कि बॉबी और ब्रेण्डा अभी-भी ट्रेलर के अंदर हैं क्योंकि उसने उन्हें पीछे के रास्ते ट्रेलर से बाहर निकलते नहीं देखा था। ज्यूपिटर ख़ुश होकर दरवाज़े को एक ओर सरकाता है लेकिन अब देर हो चुकी है। माचिस की तीली के रगड़ खाते ही एक चिंगारी पैदा होती है और पूरा ट्रेलर एक बम की तरह फट जाता है। ज्यूपिटर धमाके से दूर जा गिरता है। उसका शरीर जगह-जगह से जल जाता है लेकिन ब्रेण्डा को देखते ही वह हँसने लगता है। उसकी क्रूर हँसी सुनकर ब्रेण्डा के सर पर ख़ून सवार हो जाता है और वह ज्यूपिटर की कुदाल लेकर उस पर झपट पड़ती है और उसका सिर कुदाल से खोद देती है। ज्यूपिटर मर जाता है।

रूबी कैथरीन की देखभाल करती रहती है लेकिन लिज़ार्ड आकर उससे कहता है कि वह चली जाए। रूबी बाहर निकल जाती है तो लिज़ार्ड बच्ची को लेने बिस्तर पर आता है। जब वह बच्ची के ऊपर से चादर हटाता है तो उसे बच्ची की जगह सूअर का बच्चा दिखाई देता है। वह ग़ुस्से से पागल हो जाता है और समझ जाता है कि उस बच्ची को रूबी ने कहीं छिपा दिया है। वह रूबी के पीछे भागता है। रूबी कैथरीन को अपनी गोद में उठाकर पहाड़ी के ऊपर चढ़ने लगती है कि तभी डग उसे देख लेता है। वह रूबी के पास आकर कहता है कि वह उसे बच्ची लौटा दे। डग का ध्यान बँटता है और उसी समय लिज़ार्ड उस पर ऊपर से कूद पड़ता है। वह डग को बहुत मारता है। लिज़ार्ड अपनी कमर के इर्द-गिर्द बंधी गोलियों की बेल्ट निकालता है और उससे डग को बुरी तरह मारता है। वह उसे ज़मीन पर पटक-पटक कर अधमरा कर देता है। फिर वह रूबी के पीछे लग जाता है। डग अधमरी हालत में अपनी अंगुली में अपनी शादी की अंगूठी देखता है। वह बेहद घायल होने पर भी अपनी पूरी ताक़त इकट्ठा करता है और लिज़ार्ड के पीछे शॉटगन लेकर चल देता है। लिज़ार्ड रूबी के पास आ जाता है और उससे कैथरीन को ग़ुस्से से छीनने लगता है। इस छीनाझपटी में रूबी का पैर फिसल जाता है और वह कैथरीन के साथ कुछ पत्थरों पर लुढ़क जाती है। इससे पहले कि लिज़ार्ड कुछ समझ पाता, डग आकर उसके मुँह पर अपनी बंदूक का बट मारता है। वह उसके सीने में गोली मारता है और उसके गले पर भी गोली मारता है। लिज़ार्ड का शरीर ख़ून से नहा जाता है और वह पीछे हटने लगता है। इस पर भी डग रुकता नहीं और वहशियों की तरह उसे मारने लगता है। लिज़ार्ड अधमरा होकर गिर जाता है। रूबी कैथरीन को डग के हवाले कर देती है। डग अपनी शॉटगन नीचे रखकर कैथरीन को हाथों में ले लेता है और उसे पुचकारने लगता है। इसी बीच लिज़ार्ड अपनी रही-सही ताक़त के साथ उठता है और डग की शॉटगन उठाकर उसपर निशाना साधने लगता है। डग को तो पता नहीं होता लेकिन रूबी उसे देख लेती है। वे पहाड़ी की काफ़ी ऊँचाई पर हैं यह जानते हुए भी रूबी लिज़ार्ड पर झपट पड़ती है और उसे अपने साथ-साथ पहाड़ी से नीचे गिरा देती है। बहुत ऊँचाई से गिरने पर लिज़ार्ड और रूबी दोनों की मौत हो जाती है।

डग कैथरीन को वापस ले आता है तथा बॉबी और ब्रेण्डा से आकर मिलता है। तीनों एक-दूसरे को पाकर बेहद ख़ुश होते हैं। उनके साथ इस ख़ुशी में कोई और भी शामिल है। वह है बीस्ट। दूर कोई अब भी उन पर दूरबीन से नज़र गड़ाए हुए है।

समीक्षा

फ़िल्म ‘द हिल्स हैव आइज़’ वेस क्रेवन द्वारा सन् 1977 में बनाई गई थी। इस फ़िल्म को निर्देशक अलेक्ज़ेंडर आजा ने बहुत ध्यान से देखा था और उसी समय से वे चाहने लगे थे कि क्या वे इस फ़िल्म और बेहतर बना सकते हैं। उन्होंने सन् 2006 में इस फ़िल्म का रीमेक बनाया जिसका कथा-संक्षेप हमने अभी पढ़ा। सच है फ़िल्म इतनी भयानक है कि किसी भी पल आप अपने डर से मुक्ति नहीं पा सकते। इसका निर्देशन बेहतरीन है और पात्रों ने शानदार अभिनय किया है। टेड लिवाइन वैसे ही 'साइलेंस ऑफ़ द लैंब्स' में बफ़लो बिल के नाम से बेहद चर्चित रह चुके हैं और अपनी कला का लोहा मनवा चुके हैं। एरोन स्टैन्फ़ोर्ड ने टैडपोल जैसी मानव मानसिकता की अनबूझ पहेलियों को उजागर करने वाली फ़िल्म में सिगरनी वीवर्स जैसी चर्चित अभिनेत्री के साथ प्रमुख भूमिका निभाकर अपने अभिनय की धाक जमाई थी। फ़िल्म की गति बेहद तेज़ है और एक समय पर यह इतनी प्रवाहमय हो जाती है कि दर्शक भी उसकी चाल के साथ-साथ अपनी समझ के घोड़े दौड़ाने लगते हैं।

किसी ज़माने में इस जगह में बहुत से माइनर रहा करते थे। बाद में, परमाणु बमों का परीक्षण करने की होड़ में अमरीका सरकार ने इस जगह को नाभिकीय परीक्षण क्षेत्र घोषित कर दिया। उस समय यहाँ रहने वाले माइनरों से अनुरोध किया गया था कि वे बाहर निकल जाएँ। बहुतों ने वह स्थान छोड़ दिया लेकिन उनमें से बहुत-से ऐसे भी थे जिन्होंने इस बात पर यक़ीन नहीं किया। जेब ज्यूनियर जिसने बॉब को इस स्थान का पता बताया था असल में वह ख़ुद ही इन हैवानों का बाप था। बाद में उसे अपने किए का पछतावा होने लगा क्योंकि उसने अपने जीवन में सैकड़ों लोगों को ग़लत रास्ता बताकर उन वहशियों के बीच मरने के लिए भेज दिया था। इसके बदले में वे लोग उसे लूटा हुआ धन दिया करते थे। ज्यूपिटर भी किसी समय में उस इलाक़े में माइनर का काम करता था और कुछ लोगों की तरह वह भी जगह छोड़ कर नहीं गया। बाद में नाभिकीय परीक्षणों की वजह से वहाँ रहने वाले बहुत-से लोगों में शारीरिक बदलाव और विकृ्तियाँ आने लगीं। बहुत-से परिवार मर गए और कुछ ज़िंदा बच गए। भूख तो सभी को लगती है लेकिन इन लोगों ने मानव माँस से अपनी भूख मिटानी शुरु कर दी और जल्द ही वे आदमख़ोर बन गए।

दुनियाँ में खोजने पर सबकुछ मिल सकता है चाहे वह सबसे अच्छा हो या सबसे बुरा। पापा ज्यूपिटर का परिवार भी ऐसा ही एक उदाहरण है जो नैतिक और सामाजिक बंधनों तथा मानवीय संवेदनाओं से पूरी तरह हीन है। उनका जीवन-यापन पशुओं के जैसा है। उन्होंने न तो कभी शिक्षा पाई है और न ही उनके धर्मावलंबी या आस्तिक होने का कोई सबूत मिलता है। सच कहा जाए तो ये परिवार पूरी तरह से अनैतिक और अमानवीय कार्यों में लिप्त है। इनमें भावना नाम की कोई चीज़ नहीं है और ये मानवीय मूल्यों तथा मानव जीवन का कोई अर्थ और महत्व नहीं समझते। ज्यूपिटर के परिवार का किरदार निभाने वाले पात्रों ने इतना शानदार अभिनय किया है कि दर्शकों को उनके कृत्य देखकर उनसे घृणा होने लगती है। फ़िल्में हमारी मानसिकता और हमारी भावनाओं पर हावी हो जाती हैं और ख़त्म होने से पहले कोई-न-कोई संदेश दे जाती हैं। कार्टर परिवार का साहस, उनका संघर्ष, और अपने परिवार के सदस्यों की ज़िंदगी बचाने की चाहत यह बताती है कि जो सबसे अच्छा है वह भी इंसान है, ऐसा इंसान जिसमें सामाजिकता, पारिवारिक मूल्य, नैतिकता, इच्छाशक्ति, सहयोग, समर्पण जैसे सात्विक गुण भरे हुए हैं। दूसरी ओर ज्यूपिटर के परिवार के सदस्यों को देखिए जिनमें क्रूरता, दुःसाहस, नृशंसता और वीभत्सता जैसे तामसिक गुण भरे हुए हैं। दूसरी ओर यह भी बात साफ़ होती है कि हम जैसे लोगों के संपर्क में आते हैं तो कभी-कभी हमारी मजबूरी बन जाती है कि हम उनकी तरह ही व्यवहार करने लगें। संपर्क से बड़ा भयंकर संक्रमण फैलता है। कार्टर परिवार भी इससे अछूता नहीं रह सका, उन्होंने भी पहले मानव मानसिकता का परिचय देते हुए कई घाव सहे लेकिन जब वे समझ गए कि इस तरह काम नहीं बनेगा तो उन्हें भी अपने अंतर्मन में छिपे पशु को जगाना पड़ा। पशुता मानव का मूल स्वभाव है और समय पाकर वह प्रकट हो ही जाता है विशेष रूप से तब, जबकि हम ऐसे किसी के संपर्क में आते हैं जो अंदर और बाहर दोनों से पशु है। दूसरी ओर रूबी जैसी लड़की भी है जो वहशियों के बीच रहने के बावजूद भी उन जैसी नहीं है। चहरे की विकृति तो उसे विरासत में मिली है लेकिन उस चेहरे के पीछे एक अच्छी आत्मा भी है जो उसे घृणित कार्य करने से रोकती है। यह फ़िल्म रोचक होने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण सीखें दे जाती हैं और वह है कि हम कभी-भी नितांत अकेले नहीं हो सकते, कोई ऐसा अवश्य होता है जिसकी हम पर नज़र होती है, फिर चाहे वह भगवान हो या फिर हैवान।

No comments: